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बजट 2020 एक नजर सरकार ने टैक्स स्लैब में किया बदलाव, किसे देना होगा कितना टैक्स

वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की.

वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कई तरह की छूट और कटौतियां नहीं मिलेगी.
नए ढांचे में विभिन्न आय वर्ग के करदाताओं के लिए दरों में कटौती की गई है और कुछ नए स्लैब बनाए हैं. नए वैकल्पिक कर ढांचे में 30 प्रतिशत की उच्चतम दर 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू होती है, जबकि पहले से चल रहे ढांचे में 10 लाख रुपये से अधिक की आय 30 प्रतिशत की कर दर के तहत आती है.
अनुमान है कि नई कर दरों से सरकारी खजाने को सालाना 40 हजार करोड़ रुपये के राजस्व से वंचित होना पड़ेगा.
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.
नई कर व्यवस्था के तहत 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था की गई है. अभी 20 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है. 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है. अभी यह 20 प्रतिशत है.
इसी तरह 10 से 12.5 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत कर की व्यवस्था की गई है, अभी इस आय पर 30 प्रतिशत कर लिया जाता है. 12.5 से 15 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत कर लिया जाएगा, जिसकी दर अभी 30 प्रतिशत है. वही. 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव से सरकारी खजाने को सालाना 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में छूट और कटौतियों की करीब 100 व्यवस्थाएं हैं. नई सरल कर व्यवस्था में 70 तरह की छूट और कटौतियों को हटाने का प्रस्ताव है. आगे चलकर शेष बची छूट और कटौती पर समीक्षा और जांच-पड़ताल की जाएगी.
उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि नई कर प्रणाली को अपनाने से सालाना 15 लाख रुपये की आय कमाने वाले को 78,000 रुपये की बचत होगी.
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत 20 लाख किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने में मदद करेगी. इसके अलावा कृषि उत्पादों के लिए कृषि उड़ाननाम से एक नई योजना लॉन्च की जाएगी.
इस साल के लिए कृषि लोन का बजट बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं किसानों के नाम पर रेल मंत्रालय किसान रेलनाम से एक नई ट्रेन चलाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए किसानों के लिए इन कुछ नए योजनाओं की घोषणा की है.
सीतारमण ने कहा कि उनकी सरकार इस साल मुख्य रूप से तीन बिंदुओं- महत्वाकांक्षी भारत, आर्थिक विकास और देखभाल करने वाला समाज- पर काम करने वाली है. महत्वाकांक्षी भारत या एस्पिरेशनल इंडिया वाली श्रेणी में कृषि और जल संसाधन को प्रमुख स्थान दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि 2014-19 के दौरान औसत वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत से अधिक रही. इस दौरान औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रही.
उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था.
सीतारमण ने अपने बजट भाषण कई कल्याण योजनाओं मसलन सस्ता घर, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और आयुष्मान भारत का जिक्र किया.

टैक्स व्यवस्था में बदलाव

वित्त मंत्री ने एक नई सरलीकृत कर व्यवस्था पेश की जिसके तहत 5 लाख तक सालाना आय वालों को कोई आयकर नहीं देना होगा.
5-7.5 लाख कमाने वालों को 20 फीसदी की बजाय 10 फीसदी, 7.5-10 फीसदी आय वर्ग वालों को 20 फीसदी की बजाय 15 फीसदी और 10-12.5 आय वर्ग वालों को 30 फीसदी की बजाय 20 फीसद कर देना होगा. वहीं, 12.5 से 15 लाख सालाना आय पर 25 फीसदी आयकर देना होगा. 15 लाख रुपए से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा.

एलआईसी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगी

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया जाएगा. आईपीओ के जरिए सरकार का अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव. आईडीबीआई बैंक में अपनी बची हिस्सेदारी को निजी खुदरा निवेशकों को बेचेगी सरकार.
एनबीएफसी संकट और पीएमसी बैंक के संकट को देखते हुए बैंकों में जमाकर्ताओं के लिए जमा बीमा सुरक्षाएक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया.

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 10 फीसदी की दर से जीडीपी वृद्धि का अनुमान

एक तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था गंभीर आर्थिक सुस्ती की दौर से गुजर रही है. वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि मौजूदा ट्रेंड्स के आधार पर वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 10 फीसदी की दर से जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है. वहीं सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा 3.8 फीसदी और 2020-21 के लिए 3.5 का अनुमान लगाया है.

टैक्स पेयर चार्टर लाने की घोषणा

वित्त मंत्री ने एक टैक्स पेयर चार्टर लाने की इच्छा जताते हुए कहा, जब हम नागरिकों के बारे में बात कर रहे हैं, तो हम कानून में बदलाव करने के लिए तैयार हैं क्योंकि कर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. आपराधिक दायित्व को कम करने में मदद के लिए कंपनी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा.

जम्मू कश्मीर के लिए 30,700 करोड़ रुपये

वित्त मंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए 30,700 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की. भारत के वृद्धि दर के आंकड़ों पर विवाद के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के प्रस्तावित नई नीति के तहत नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.

पर्यावरण के लिए घोषणाएं

10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों को स्वच्छ हवा के लिए 4400 करोड़ रुपये मिलेंगे. पर्यावरण एवं वन मंत्रालय इसके मानक तय करेगा.
मानक से अधिक धुआं निकलने पर पुराने थर्मल प्लांटों और उनकी इकाइयों को बंद करने की सलाह दी जाएगी. उस जमीन का वैकल्पिक इस्तेमाल किया जाएगा.

शिक्षा बजट

भारत के शिक्षा मंत्रालय को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 99,300 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है जो कि पिछले साल की तुलना में थोड़ा अधिक है. वित्त वर्ष 2019-20 में शिक्षा मंत्रालय का बजट 94,853 करोड़ रुपये था.
वित्त मंत्री ने एशियाई और अफ्रीकी देशों के लिए इंड-सैट परीक्षाकी घोषणा की है जिसका उद्देश्य भारत को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बनाना है.
सरकार इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को शहरी स्थानीय निकायों में एक महीने का इंटर्नशिप देगी. यह छात्रों के साथ ही शहरी स्थानीय निकायों की योजनाओं को भी बेहतर बनाने में मदद करेगा. हालांकि, इंटर्नशिप के पेड या अनपेड की कोई जानकारी नहीं दी गई.

भारतीय रेलवे के लिए पांच घोषणाएं.

1. रेलवे के स्वामित्व वाली भूमि पर पटरियों के साथ-साथ एक बड़ी सौर ऊर्जा चालित क्षमता स्थापित करना.
2. नई ट्रेनों के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल.
3. अभूतपूर्व डिजाइनों के साथ अधिक ट्रेनें
4. 148 किमी का बेंगुलुरु उपनगरीय ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट

स्वच्छ भारत अभियान को 12.3 हजार करोड़ का बजट

सरकार ने इस साल के लिए स्वच्छ भारत अभियान को 12,300 करोड़ रुपये का बजट दिया है. ये राशि पिछले साल दिए गए बजट से कम है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 12,750 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था. यह आंकड़ा कम हो सकता है क्योंकि केंद्र का मानना है कि स्वच्छ भारत मिशन ने अपने कई लक्ष्य हासिल किए हैं, हालांकि क्या वास्तव में ऐसा हुआ है?
वहीं जल जीवन मिशन को 11,500 करोड़ रुपये दिया गया है.

किसानों की मदद के लिए 16 सूत्रीय प्लान

निर्मला सीतारमण ने घोषणा किया कि किसानों के लिए कुल 16 सूत्रीय प्लान तैयार किया गया है. धीरे-धीरे इसके बारे में पूरी जानकारी सामने आएगी. हालांकि मुख्य रूप से ये प्लान जल-संकटग्रस्त क्षेत्र या परती भूमि के किसानों की मदद करना है. वित्त मंत्री के भाषण में इस काम के लिए उचित बजट आवंटन के बजाया शब्दों के जरिए प्रोत्साहन देनेपर ज्यादा जोर है.
कृषि से जुड़ीं मुख्य बातें कुछ इस प्रकार से हैं:
1. मॉडल कृषि भूमि लीजिंग अधिनियम, मॉडल कृषि उत्पादन और विपणन अधिनियम, मॉडल कृषि पशुधन सुविधा अधिनियम 2015 बनाने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने की योजना.
2. कुसुम योजना का दायरा बढ़ाकर इसे 20 लाख किसानों तक पहुंचाने की योजना. इसके तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने में मदद किया जाएगा.
3. वेयरहाउसेस की जीओ टैगिंग की जाएगी. उर्वरकों का इस्तेमाल कम करने पर जोर दिया जाएगा.

महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपये आवंटित

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2020-2021 में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह काफी अस्पष्ट है क्योंकि हमें नहीं पता कि किन-किन योजनाओं में यह पैसा जाएगा.
इसके साथ ही वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए पोषण आहार योजनाओं के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘पोषण मां के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, ये बच्चों के लिए भी अहम है. आंगनवाड़ी सेविकाएं स्मार्टफोन के जरिए पोषण की स्थिति बताती हैं. पोषण अभियान के जरिए छह लाख से ज्यादा सेविकाएं इस काम में लगी हैं.
बैंकों में जमा धनराशि पर गांरटी बढ़ाकर पांच लाख रुपये की 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि बैंकों में जमा धनराशि पर गारंटी बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है. पहले यह गारंटी एक लाख रुपये तक थी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-2021 का बजट पेश करते हुए कहा कि कर संग्रह में उछाल आने की संभावना है.
वित्तीय घाटे के अनुमान को लेकर सीतारमण ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2020 में वित्तीय घाटा 3.8 फीसदी और 2021 में 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
सरकार आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचेगी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी को शेयर बाजार के जरिए बेचा जाएगा.

सरकार की दीर्घकाल में सभी आयकर छूट समाप्त करने की योजना: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार का इरादा दीर्घकाल में सभी प्रकार की छूट को समाप्त करना है. उन्होंने बजट में छूट और कटौती का लाभ छोड़ने वालों के लिए आयकर की दरों में कटौती की घोषणा करने के बाद यह बात कही.
लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर में कटौती से पहले पिछले साल सितंबर में कंपनी कर में कटौती की गयी थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कई तरह की छूट और कटौतियां नहीं मिलेगी.
नए ढांचे में विभिन्न आय वर्ग के करदाताओं के लिए दरों में कटौती की गई है और कुछ नए स्लैब बनाए हैं. नए वैकल्पिक कर ढांचे में 30 प्रतिशत की उच्चतम दर 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू होती है, जबकि पहले से चल रहे ढांचे में 10 लाख रुपये से अधिक की आय 30 प्रतिशत की कर दर के तहत आती है.
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.
नई कर व्यवस्था के तहत 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था की गई है. अभी 20 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है. 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है. अभी यह 20 प्रतिशत है.
इसी तरह 10 से 12.5 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत कर की व्यवस्था की गई है, अभी इस आय पर 30 प्रतिशत कर लिया जाता है. 12.5 से 15 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत कर लिया जाएगा, जिसकी दर अभी 30 प्रतिशत है. वही. 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
मंत्री ने बजट पेश करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि जब भी जरूरत होगी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध करायी जाएगी.
हालांकि उनके बजट भाषण में इस अतिरिक्त पूंजी के बारे में कोई ठोस राशि का उल्लेख नहीं किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह में सुधार के मद्देनजर अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जो चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रह सकता है.
विनिवेश सचिव टीके पांडे ने कहा कि अगले कुछ महीनों में बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री होगी और उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिये 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है.
उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी बेचे जाने के लिये रूचि पत्र जल्दी ही जारी किया जाएगा. मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में बीपीसीएल में हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी थी.