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पाकिस्तानी हिंदुओं के प्रति सावरकर जी जीवन भर संवेदनशील बने रहे: अजय वर्मा

आज दिनांक 26.02.2020  को अपराह्न के 03 बजे भारतीय जन क्रन्तिदल के राष्ट्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजय वर्मा की अध्यक्षता में युगपुरुष वीर विनायक दामोदर सावरकर जी  की ५४ वी  पुण्य स्मरण दिवस के अवसर पर श्रधान्जली सभा का आयोजन किया गया| इस  सभा में  युगपुरुष वीर विनायक दामोदर सावरकर जी के चित्रों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजय वर्मा ने माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्वलित कर उन्हें श्रधान्जली दी गई | कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय महासचिव डा. राकेश दत्त मिश्र  ने किया|
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहाकि 18 अप्रैल 1953 को मुंबई में एक सभा में भाषण करते हुए सावरकर जी ने कहा था – ” जिस देश में शक्ति की पूजा नहीं होती ,उसकी प्रतिष्ठा कौड़ी की कीमत की नहीं होती । 
भारत की प्रतिष्ठा का पता लगाने के लिए कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं है। हिंदुस्तान के पड़ोस में स्थित श्रीलंका अपने यहां के भारतीयों के साथ अच्छी तरह पेश नहीं आता फिर भी हमारी भारत सरकार कुछ नहीं कर पाती। यही क्यों ? – पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान में हिंदुओं पर घोर अत्याचार होते हैं वह हमारी सीमा में घुसकर खेत काट ले जाते हैं पशुओं को उठा ले जाते हैं पर हमारी भारत सरकार उसके विरोध में क्या करती हैं केवल विरोध पत्र भेज देने मात्र से क्या वे बाज आएंगे ? ”
पाकिस्तानी हिंदुओं के प्रति सावरकर जी जीवन भर संवेदनशील बने रहे । 1947 में जो हिंदू पाकिस्तान में रह गए थे उनको हमने मरने के लिए भेड़ियों के सामने डाल दिया था । एक प्रकार से वे लोग जेल में बंद कर दिए गए थे । जहां धीरे-धीरे उनका अंत हो जाना था। इस प्रकार गांधीजी की अहिंसा ने लगभग ढाई तीन करोड़ हिंदुओं को पाकिस्तान में मुस्लिमों की हिंसा का शिकार बनाने के लिए छोड़ते समय तनिक भी इस बात पर विचार नहीं किया कि उनका क्या हाल होगा एक देश को स्वतंत्रता मिली और वह उस स्वतंत्रता को पाते समय अपने ढाई तीन करोड़ बंधुओं को मरने के लिए या घुट घुट कर अपमानित होने के लिए भेड़ियों के सामने छोड़ दे तो आप क्या कहेंगे ?
यह बात आज सच सिद्ध हो गई है कि हमने अपनी स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए जुआ पर जिन ढाई तीन करोड़ बंधुओं को दाव पर लगाया था उनको पाकिस्तान ने लगभग मिटा ही दिया है । यह हमारी हार है और कथित रूप से अहिंसा व सत्य के आधार पर पाई गई आजादी का सबसे घृणास्पद पक्ष भी है। सावरकर जी इस व्यवस्था के विरोधी थे।
बात सही है कि शत्रु को भयभीत किये रखने के लिए और अपने आप को सुरक्षित व शांतिपूर्ण ढंग से रखने के लिए एक हाथ में डंडा और एक हाथ में शास्त्र होना ही उचित होता है ।
     श्रधान्जली सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय वर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भोला झा "लाल बाबा" राष्ट्रीय महासचिव डॉ राकेश दत्त मिश्र, संगठन मंत्री अखिलेश झा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजीव झा, राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश चौबे, सदस्य अमित पाण्डेय एवं अभय कुमार ने भी माल्यार्पण किया |