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‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी का लेख

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी का लेख

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी का लेख

महिलाओं के प्रति आदरभाव और सम्मान प्रकट करने के लिए प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, एक विशेष दिन है। वर्तमान में हमारे देश में महिलाएं सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से अनेक उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। इसलिए हम इस विशेष दिन को महिलाओं की उपलब्धियों के उत्सव के रूप में भी मना सकते हैं। महिलाओं में अद्भुत साहस, अपरिमित शक्ति, असीमित धैर्य और अत्यधिक क्षमता होती है। महिलाएं अथक परिश्रम के माध्यम से हर चुनौती को अवसर मे परिवर्तित करना जानती हैं। इस दिवस के उपलक्ष्य में महिला शक्ति को नमन करते हुए लेख लिखना व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए बहुत सुखद है।
देश और समाज के उत्थान में महिलाओं ने हमेशा से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। चाहे भारतीय स्वाधीनता के लिए 1857 की क्रांति हो या 1947 में देश की आजादी हो, देश की महिलाओं ने सदैव ही भारत के गौरव को बढ़ाया है। भारतीय महिलाओं ने धरती से लेकर आकाश तक सफलता के नए आयामों में अपनी भूमिका निभाई है। आज भी देश के विकास एवं समाज के उत्थान के लिए महिलाएं अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा के साथ निभा रही हैं। महिलाएं अकादमिक, साहित्य, संगीत, नृत्य, खेल, मीडिया, उद्योग, आईटी सेक्टर, विज्ञान एवं तकनीक, राजनीति एवं सामाजिक सुधारों सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं।
इतना ही नहीं आज के दौर में भारतीय महिलाएं दिल्ली, मुंबई, कलकता एवं चेन्नई जैसे महानगरों में राजनीति से लेकर कॉरपोरेट सेक्टर तक निरंतर आगे बढ़ रही है। वे न सिर्फ देश में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन है बल्कि शहरों से दूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी निरंतर आगे बढ़ रही है। आज वे पंचायती चुनावों में अपनी अहम भागीदारी देकर समाज को एक नई दिशा दे रही है। महिलाओं की बढ़ती हुई जागरूकता और उनके नेक एवं स्पष्ट इरादे  ही आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को सशक्त कर रहे हैं। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बहुत आवश्यक है।
कॉरपोरेट जगत में महिलाओं की स्थिति में निरंतर इजाफा हो रहा है। कॉरपोरेट जगत में बोर्ड डायरेक्टर से लेकर सीईओं के पद तक महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। आईटी कंपनियों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है। आईटी सेक्टर के साथ ही बैंकिंग एवं फाइनेंस में भी महिलाओं का वर्चस्व बढ़ रहा है।
पिछले वर्ष इसरो ने भी चंद्रयान-2 की कमान, दो महिलाओं को सौंपने की घोषणा की थी और इन महिलाओं ने भी चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक रवाना करने में अपना पूरा योगदान दिया। यह दर्शाता है कि भारतीय महिलाओं की योग्यता एवं क्षमता किसी से भी कम नहीं है। यह हमारी नारी शक्ति का सम्मान है।
हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी नारी शक्ति के सम्मान और आदर-सत्कार के विषय में कहा गया है कि...यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः । यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।। यह सत्य है कि यदि हम अपनी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को आधुनिकीकरण से जोड़ते हुए देश की सभी गतिविधियों में महिलाओं को आगे रखेंगे तो निश्चित रूप से हम राष्ट्र और समाज की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाएंगे। महिला और पुरुष एक साथ मिलकर ही देश और समाज का सम्पूर्ण विकास कर सकते हैं। इसलिए हमें देश की बेटियों को उच्चशिक्षा देते हुए देश के निर्माण में समर्पित करना होगा।
हमारे देश में महिलाओं की स्थिति विभिन्न कालखंडों, विभिन्न वर्गों, समुदायों और समूहों में विविध रही है। समय के साथ-साथ देश की महिलाएं, सशक्तिकरण के माध्यम से आगे बढ़ी हैं और अनेक प्रकार के निर्णय लेने में सक्षम हुई हैं। मेरा मानना है कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें कुशल बनाना अतिआवश्यक है। जब एक महिला शिक्षित और कुशल होती है तो वह एक परिवार और एक समाज को भी शिक्षित और कुशल बना रही होती है। जब तक हमारे देश में महिलाएं पूर्ण रूप से शिक्षित, कुशल और समृद्ध नहीं होती हैं तब तक देश की आर्थिक समृद्धि के लक्ष्य़ को भी पूरी तरह से हासिल नहीं किया जा सकता है। जब इस देश के प्रत्येक गांव, शहर और कस्बे में महिलाएं तरक्की करेंगी तभी यह देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर होगा।
महिला सशक्तिकरण के लिए हमारी सरकार अनेक प्रकार के अभियान चला रही है। महिलाओं को सशक्त करने और आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, महिला ई-हाट योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, सखी योजना, लाडली योजना, डिजिटल लाडो, हर घर शौचालय जैसी अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं। हमारी सरकार महिलाओं के पोषण पर भी तेजी से काम कर रही है। यदि आज हम महिलाओं को पोषणयुक्त और सशक्त बनाएंगे तो वे अपने बच्चों का भी सही तरीके से पालन-पोषण कर सकेंगी। और यह देश की आने वाली पीढ़ी का निर्माण के लिए बहुत आवश्यक है।
महिलाओं के कौशल विकास पर हम तेजी से कार्य कर रहे हैं। मुझे प्रसन्नता है कि महिलाओं को कुशल बनाने में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय परस्पर सहयोगी हैं। सभी मंत्रालय पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
हम जानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति के पास एक अद्वितीय कौशल होता है। बस आवश्यकता इस बात की होती है कि उस कौशल को पहचानने के लिए एक पूरा तंत्र विकसित किया जाए। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री के रूप में मेरी प्राथमिकता है कि हमारे देश की महिलाएं अनेक क्षेत्रों में अपना कौशल तलाशते हुए पूरी तरह से प्रशिक्षित हों और रोजगार प्राप्त करें। वे अपने कौशल के माध्यम से स्वरोजगार और उद्यमशीलता के लिए प्रेरित हों और आगे बढ़ें। हम काफी तक अपने इस उद्देश्य में तेजी से सफल भी हो रहे हैं।
यदि हम अपने मंत्रालय के कौशलीकरण कार्यक्रमों की बात करें तो पीएमकेवीवाई 2.0 योजना के द्वारा देश की लगभग 68.12 लाख महिलाएं प्रशिक्षित हुई हैं। जनशिक्षण संस्थान के द्वारा वर्ष 2018-20 की अवधि में 4.08 लाख महिलाएं प्रशिक्षित हुई हैं जबकि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के द्वारा 38.72 लाख महिलाएं प्रशिक्षित हुई हैं। यह हमारे देश के लिए महिलाओं की एक बड़ी उपलब्धि है। वर्तमान में हमारे देश में 18 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान विशेष रूप से महिलाओं के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। महिलाओं को बुनियादी और सैद्धान्तिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विशेष बैच चलाए जा रहे हैं।
यह प्रसन्नता की बात है कि आज हमारे देश की महिलाएं यदि इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन डिजाइन, प्रौद्योगिकी और कार्यालय प्रबंधन इत्यादि का कोर्स कर रही हैं तो वे नए जमाने के तकनीकी कौशल जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा एनालिटिक्स, थ्री-डी प्रिंटिंग इत्यादि में भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। पारंपरिक कौशल जैसे कि ब्यूटी एंड वेलनेस और हेल्थकेयर के साथ गैर पारंपरिक कौशल जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर में भी देश की महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। हम स्किल्ड और जेंडर स्किलिंग के माध्यम से कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिलाओं के नौकरी के कौशल को बहुत अधिक मजबूत किया है। प्रधानमंत्री कौशल केंद्रो में सेल्फ एमप्लॉयड टेलर, ब्यूटी थेरेपिस्ट, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, हेयर स्टाइलिस्ट, योगा ट्रेनर आदि के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी मिशन में भी महिलाओं की एक बहुत बड़ी भूमिका सामने आने वाली है। हमारी सरकार के द्वारा किए जा रहे सभी प्रयास, महिलाओं को ऐसे राष्ट्रीय मिशन से जोड़ने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। इनसे जुड़कर महिलाएं समाज को एक सुव्यवस्थित आकार देने में एक बहुत बड़ा योगदान देंगी। वास्तव में एक नए भारत के निर्माण में महिलाओं की शिक्षा और कौशल विकास की अपनी एक अग्रणी भूमिका सामने आने वाली है।
यह सत्य है कि महिलाओं को सशक्त किए बिना किसी भी राष्ट्र या समाज का सम्पूर्ण विकास नहीं हो सकता है। और एक नए भारत के लिए तेजी से होने वाला सम्पूर्ण विकास, प्रतिस्पर्धा और सामाजिक स्थिरता महिलाओं के कौशल विकासपर बहुत अधिक निर्भर करती है। इसलिए महिलाओं के सर्वांगीण विकास को हम अपना विज़न मान कर चल रहे हैं। इसके द्वारा ही हम इस देश के श्रम बल में महिलाओं की एक बड़ी भागीदारी भी सुनिश्चित कर पाएंगे।
पिछले कुछ वर्षों में देश के गौरवशाली प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने ऐसी योजनाएं बनाई हैं जिनके बल पर हमारे देश की महिलाएं स्वयं को आत्मनिर्भर और सुरक्षित महसूस कर रही हैं। हमारी ऐसी योजनाओं से न सिर्फ महिलाओं की उन्नति होगी बल्कि देश के आर्थिक विकास को भी तेज गति मिलेगी।
सरकार के प्रयासों से आज देश की महिलाओं के अन्दर एक विश्वास का माहौल बना है। वे विश्वस्त हैं कि देश का सरकारी तंत्र महिलाओं के आदर-सम्मान और विकास के लिए पूरी तरह से महिला शक्ति के साथ है। हमारी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा और कौशल में बहुत तेजी से निवेश किया है। इस शिक्षा और कौशल को प्रत्येक महिला तक पहुंचाना हमारा संकल्प है। और इस संकल्प को सिद्धि तक पहुँचाने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।
आज के इस विशेष दिवस पर महिला शक्ति को मेरा सादर नमन..!

डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय
कौशल विकास एवं विकास उद्यमशीलता मंत्रालय