भारत को पुनः एक बार ओजस्वी हिन्दू राष्ट्र बनाना आवश्यक !
वाराणसी - पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के साथ
भारत में भी हिन्दूओं की जनसंख्या घटती जा रही है । 1990 में अपने ही देश
में साढे चार लाख हिन्दूओं को विस्थापित होना पडा । भले ही धारा 370 हट गई है; परंतु कश्मीर अभी
भी आतंकवादमुक्त नहीं हुआ है । भविष्य में पुन: ऐसी स्थिति हिन्दूओं पर ना आए इसलिए
संविधान से ‘सेक्युलर’ इस शब्द को हटाकर भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना आवश्यक
है, ऐसे विचार हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. निलेश सिंगबाळ
ने हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में व्यक्त किए । यहां के आशापुर चौराहा निकट मधुवन
लॉन में आयोजित हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में सनातन संस्था की श्रीमती प्राची
जुवेकर तथा केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष श्री. तिलकराज मिश्र ने भी
उद्बोधन किया ।
सभा को संबोधित
करते हुए पू. निलेश सिंगबाळ ने बताया कि, संविधान के समता तत्व का आधार देकर
नागरिकता संशोधन कानून का बडा विरोध हो रहा है । भारत के संविधान में प्रत्येक
नागरिक को समानता, भाईचारा और न्याय मिलेगा’,
ऐसा कहा गया है; परंतु भारत में
सदैव ही हिन्दूओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है । यहां अल्पसंख्यक पंथों को
विशेष संरक्षण है, अल्पसंख्यक आयोग’
है, स्वतंत्र ‘अल्पसंख्यक विकास
मंत्रालय’ होता है; परंतु बहुसंख्यक हिन्दूओं के लिए किसी भी प्रकार का राजनीतिक
संरक्षण न होने के कारण, उनके लिए न ‘बहुसंख्यक आयोग’
है और न ही ‘बहुसंख्यक विकास मंत्रालय’!
आज देश का ‘सेक्युलर’ शासन किसी भी चर्च, मस्जिद और मदरसे का अधिग्रहण
न कर, केवल हिन्दूओं के मंदिरों का अधिग्रहण कर रहा है । अल्पसंख्यक समाज
में प्रधानता से मुसलमान समुदाय की आर्थिक उन्नति हेतु सच्चर आयोग का गठन किया गया
और इस ‘सेक्युलर’ शासन ने उसके आधार पर अनेक प्रकार के अनुदान बांटना आरंभ किया ।
क्या हिन्दुआें में आर्थिक दृष्टि से दुर्बल घटक नहीं हैं ? हिन्दूओं के साथ
कितने बार ऐसा अन्याय होगा ?
अंत में उन्हो ने बताया की, हिन्दू समाज पुरुषार्थी समाज है ।
हिन्दू राष्ट्र स्थापना का प्रस्ताव तो हमने कब का पारित किया है । अब हम भी
आनेवाले ४ वर्षाें में इस लक्ष्य को प्राप्त करने का निश्चय करेंगे ! 2023 के अंत तक भारत में
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होकर रहेगी । हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में अपना
योगदान दे ऐसे आवाहन उन्हो ने किया ।
वैज्ञानिक दृष्टि से हिन्दू संस्कृति का अध्ययन करें और श्रद्धापूर्वक धर्माचरण करें !
सनातन संस्था की श्रीमती प्राची
जुवेकर ने बताया की, हमारे धर्मग्रंथों में बताए गए प्रत्येक कृत्य का वैज्ञानिक कारण
है । सनातन संस्था आधुनिक यंत्रों की सहायता से नियमित रूप से शोधकार्य कर रही है
। आनेवाले भीषण आपातकाल का सामना करने हेतु तथा वैयक्तीक जीवन में आनेवाले कष्ट के
निवारण हेतु सभी ने स्वयं का आत्मबल बढाना चाहिए । इस के लिए साधना करनी आवश्यक है
। इसी के साथ वैज्ञानिक दृष्टि से धर्म का अध्ययन कर धर्माचरण आरंभ करना
चाहिए एेसे आवाहन उन्होने किया ।
धर्म शिक्षा के माध्यम से हिन्दू समाज को संगठित करना आवश्यक
!
केंद्रीय पूजा
समिति के अध्यक्ष श्री. तिलकराज मिश्र ने बताया की धर्मशिक्षा के अभाव के कारण
हिन्दू समाज में धर्म के प्रति अभिमान की कमी है । हिन्दू समाज को संगठीत करने हेतु धर्म की
शिक्षा घर-घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है । धर्मशिक्षा से ही हिन्दू समाज मे
फैलायी गयी भ्रांतिया दूर होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना संभव होगी ।
सभा में हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश
उपाध्यक्ष श्री. मनीष पाण्डेय,
इंडिया विथ विजडम के राष्ट्रीय
अध्यक्ष अधिवक्ता कमलेशचंद्र त्रिपाठी, विश्व सनातन सेना के राष्ट्रीय
अध्यक्ष श्री. अनिल सिंह, पहडिया व्यापारी मंडल के महामंत्री श्री. अरविंद लाल, हिन्दू जागरण मंच
के श्री. रवी श्रीवास्तव आदि मान्यवर उपस्थित थे । सभा स्थल पर सनातन संस्था
द्वारा ग्रंथ प्रदर्शनी तथा सात्विक पूजासाम्रगी का कक्ष लगाया गया । 25 फरवरी को आगे की
दिशा तय करने हेतु एक कार्य नियोजन बैठक का आयोजन आशापुर क्षेत्र में किया गया है
।
आपका विश्वासपात्र,
श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी
हिन्दू जनजागृति समिति के लिए
संपर्क : 9324868906