वाराणसी में हिंदू जनजागृति समिति व हिंदू विधिज्ञ परिषदकी ओर से अधिवक्ता कार्यशाला सम्पन्न !
आज अधिवक्ताओं को हिंदू राष्ट्र के निर्माण में अपने कौशल्य, ज्ञान का उपयोग राष्ट्र, धर्म एवं समाज के हित में करने की आवश्यकता है । - अधिवक्ता निलेश सांगोलकर, हिंदू विधिज्ञ परिषद
वाराणसी - हिंदू जनजागृति समिति एवं हिंदू विधिज्ञ परिषद की ओर से अधिवक्ता कार्यशाला का आयोजन किया गया । इसमें 18 अधिवक्ता सहभागी हुए । महाराष्ट्र के हिंदू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता निलेश सांगोलकर जी ने ‘हिंदू राष्ट्र की मूलभूत संकल्पना एवं उसके निर्माण में अधिवक्ताओं का योगदान’ इस विषय पर अधिवक्ताओं को मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, हिंदू राष्ट्र की मांग संवैधानिक है और भारत के संविधान में सेक्युलरिज्म एवं समाजवादी यह किया हुआ संशोधन छल कपट से असंवैधानिक रूप से किया गया है । आज अधिवक्ताओं को हिंदू राष्ट्र के निर्माण कार्य में अपना कौशल्य, ज्ञान; राष्ट्र - धर्म एवं समाज के हित में करने की आवश्यकता है ।
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी अधिवक्ताओं को स्वतंत्रता के पूर्व जैसे अधिवक्ताओं ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में जो त्याग एवं कार्य किया था , वही त्याग एवं कार्य उसी पथ पर चलकर हम सभी अधिवक्ताओं को करने की आवश्यकता है । उसी के साथ राष्ट्र एवं धर्म संकट के बारे में कानूनी संघर्ष की आवश्यकता है । साथ ही कौन से विषयों के बारे में सभी अधिवक्ता अपने क्षेत्र में न्यायालयीन संघर्ष
कर सकते हैं, यह भी बताया । इस कार्यक्रम में हिंदू जनजागृति समिति के धर्म प्रचारक संत पूजनीय निलेश सिंगबाल जी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण का कार्य एक धर्म युद्ध समान ही है और यह करने के लिए हमें साधना करनी चाहिए । उन्होंने अधिवक्ताओं को न्यायालयीन संघर्ष करते समय आने वाला तनाव उसके ऊपर साधना की आवश्यकता एवं साधना से अपने जीवन में आनंद कैसे आ सकता है इस विषय पर अधिवक्ताओं को मार्गदर्शन किया । अधिवक्ता कार्यशाला का सूत्र संचालन हिंदू जनजागृति समिति के श्री राजन केशरी ने किया ।