
पैकेज के मुख्य उद्देश्यों में डायग्नोस्टिक्स और
कोविड समर्पित उपचार सुविधाओं का विकास, संक्रमित मरीजों के उपचार
के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरण और दवाओं की केन्द्रीय खरीद, भविष्य में महामारियों से बचाव और तैयारियों में सहयोग के लिए राष्ट्रीय
तथा राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती देना और विकसित करना, प्रयोगशालाओं की स्थापना और निगरानी गतिविधियां बढ़ाना, जैव सुरक्षा तैयारियां, महामारी अनुसंधान और
समुदायों को सक्रिय रूप से जोड़ना तथा जोखिम संचार गतिविधियों के माध्यम से भारत
में कोविड-19 के प्रसार को धीमा और सीमित करने के लिए
आपात प्रतिक्रिया बढ़ाना शामिल है। इन उपायों और पहलों को स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्रालय के तहत ही लागू किया जाएगा।
पहले चरण में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
अन्य संबंधित मंत्रालयों के सहयोग से पहले ही कई कदम उठा चुका है, जो इस
प्रकार हैं :
- पैकेजकेअंतर्गतमौजूदास्वास्थ्यकेन्द्रोंकोकोविडसमर्पितअस्पतालों, समर्पित
कोविड स्वास्थ्य केन्द्र और समर्पित कोविड देखभाल केन्द्रों के रूप में तैयार
करने के लिए राज्य/संघ शासित क्षेत्रों के लिए 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष जारी किया जा चुका है। क्वारंटाइन, आइसोलेशन, परीक्षण, उपचार, बीमारी की रोकथाम, कीटाणुशोधन, सामाजिक दूरी और निगरानी के
लिए विस्तृत दिशा-निर्देश, प्रोटोकॉल और परामर्श
जारी किए जा चुके हैं। हॉटस्पॉट्स की पहचान की जा चुकी है और रोकथाम की
रणनीतियों को लागू किया जा रहा है।
- डायग्नोस्टिक्स (नैदानिकी) प्रयोगशालाओं का
विस्तार किया गया है और प्रतिदिन परीक्षण क्षमता बढ़ाई जा रही है। वास्तव में, राष्ट्रीय
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत मौजूदा बहु-बीमारी परीक्षण प्लेटफॉर्म
किया जा रहा है। इस क्रम में कोविड 19 परीक्षण
बढ़ाने के लिए 13 लाख डायग्नोस्टिक किट की
खरीद का ऑर्डर जारी कर दिया गया है।
- सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवक (आशा) सहित सभी
स्वास्थ्य कर्मचारियों को “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज : कोविड 19 के मद्देनजर स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बीमा योजना” के अंतर्गत बीमा सुरक्षा दी गई है। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), एन95 मास्क और वेंटिलेटर, परीक्षण किट और उपचार में काम आने वाली दवाओं की केन्द्रीय स्तर पर
खरीद की जा रही है।
इस व्यय के अधिकांश हिस्से को आपात प्रतिक्रिया, महामारी
अनुसंधान और बहु-क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थानों को सक्षम बनाकर राष्ट्रीय और राज्य
स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती देने, सामुदायिक जुड़ाव
और जोखिम संबंधी संचार व कार्यान्वयन, प्रबंधन, क्षमता निर्माण, निगरानी और मूल्यांकन व्यवस्था
को सक्षम बनाने में उपयोग किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को
परिस्थितियों में बदलाव के आधार पर विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (राष्ट्रीय
स्वास्थ्य मिशन, केन्द्रीय खरीद, रेलवे, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग/ आईसीएमआर, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र) के बीच पैकेज से संबंधित संसाधनों के
वितरण के लिए अधिकृत किया गया है।