अनावश्यक डर क्यों_?
-- वेद प्रकाश तिवारी
कोरोना जो कि एक वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका है , इस पर पल- पल के अपडेट टीवी चैनल के माध्यम से दुनिया में तमाम लोग देख रहे हैं । लॉग डाउन के अंतर्गत घर में बंद ऐसे कई लोग हैं जो अंदर से बहुत ज्यादा भयभीत हो गए हैं। मोबाइल के माध्यम से जब कभी बातचीत होती है तो ऐसा लगता है कि जैसे कोई डर या भय उनके ऊपर हावी हो गया है । मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप स्वस्थ हैं अपने घर में हैं । आपको बीमारी का कोई खतरा नहीं है । आप कोरोना से दिमाग को हटाकर कहीं और लगाएं । मसलन ,आप दूरदर्शन पर कोई धारावाहिक देखें । संगीत के शौकीन हैं तो गाने सुने । धार्मिक ग्रंथ पढ़ें आपके घर में किताबें होंगी, किसी किताब का ध्यान करें । अपने अपने को व्यस्त रखें और आप मेडिटेशन के माध्यम से मन में यह दृढ़ संकल्प करें कि आप सभी प्रकार से सुरक्षित हैं , आपका इम्यूनिटी पावर बेहतर है ।अपने मन में हमेशा एक सकारात्मक सोच पैदा करें ।
शास्त्र कहता है --
ईश्वर ने आपको इस धरती पर महान कार्यों के लिए जन्म दिया है और आप यह महसूस करें कि आपका उद्देश्य अभी पूरा नहीं हुआ है आप दीर्घायु हैं। नवरात्रि की पूजा चल रही है इसमें माता के नौ रूपों की पूजा होती है आज अष्टमी है दुर्गा सप्तशती में माता कहती हैं कि श्रेष्ठ पुरुषों के मन में मैं बुद्धि के रूप में निवास करती हूं । जो काम, क्रोध , लोभ ,मोह ,अहंकार इत्यादि का त्याग कर मेरे शरण में आते हैं मैं उन्हें अभय कर देती हूं । मनुष्य के अंदर असीम संभावनाएं हैं वह उठना चाहे तो देवताओं के भी पार जा सकता है और गिरना चाहे तो पशुओं से भी नीचे गिर सकता है । डर या भय तामसी है जो आपका स्वभाव ही नहीं है । आप एक शांत स्वरूप आत्मा हैं।
आपका यह संकल्प आपको अंदर से मजबूत करेगा , आपको आत्मबल देगा ।डर, घबराहट और बेचैनी से शुरू होता पैनिक अटैक, जानें इसके बारे में
शरीर के किसी अंग या हिस्से में उठने वाला अचानक दर्द पैनिक अटैक कहलाता है। यह रोग कई बार मानसिक बीमारियों के साथ होता है। इसमें मरीज के अंदर एक प्रकार का डर बैठ जाता है जिसके कारण रोगी की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं और वह परेशान हो जाता है।
इन लक्षणों से पहचानें -
घबराहट के साथ दिल का तेजी से धड़कना, जल्दी-जल्दी सांसें चलना, घुटन महसूस होना, कंपकपी और पसीना आना, सीने में दर्द, बेचैनी, जी मिचलाना और पेट में दर्द, चक्कर आना, नियंत्रण खोने और मृत्यु का डर होना आदि लक्षण हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि 'पैनिक अटैक' के मरीजों को दिल का दौरा या ब्रेन स्ट्रोक की आशंका अधिक रहती है।
कारण -तनाव, हृदय रोग, अस्थमा, सांस संबंधी बीमारी, हार्मोन में गड़बड़ी और कुछ दवाइयों का साइड इफेक्ट्स
कैसे करें बचाव -
अटैक होने पर मरीज को शांत रखें। पीड़ित की समस्या सुनकर समझने का प्रयास करें। मरीज को टहलने या स्टे्रचिंग के लिए कहें। मरीज को नाक से लंबी सांस लेने और मुंह से छोड़ने के लए कहें। भीड़-भाड़ वाली जगह जाने से बचें। खुद पर तनाव को हावी न होने दें। जब भी कोई समस्या हो तो एक गिलास ठंडा पानी पीएं और फिर सोचें। ऐसा क्यों हुआ, उसका कारण खोजें।