कोरोना ने
ऐसी नौबत
लाई
गिरीन्द्र
मोहन मिश्र , फ़ोटो जर्नलिस्ट , जी.एम.ईस्टेट
कोरोना ने
ऐसी नौबत
लाई,
सड़कें सब हो
गयी है खाली ,
गायब हो गये हैं
गुंडा मबाली,
लोगों के हो
गये जेबी खाली.
सड़कों पर हैं
लम्ब दंड धारी,
भुखे मर
रहे सब
जटा धारी,
पीटा है खाली
थाली ताली ,
बेवक़्त मना
लिया दीवाली.
बीबी के
साथ रह
रही साली,
मौज़ मना रहे
हैं जीजा साली,
बेवशी झेल
रही है
घरवाली,
लाक डाउन की
है मेहरबानी.
मध्यमवर्गीय
की बढ़ी परेशानी,
उनकी जिंदगी
हुई दु:खदायी ,
समाप्त हो गया
है राशन पानी,
जन को जन से
मिलन मनाही.
बाधित हो गई
बच्चों की पढ़ाई,
जी.एम.कैसे हो
इसकी भरपाई,
बन्द मंदिर
में कैसे
कोई जाई ,
पूजारी के पेट
पर आफ़त आई.
बन्द हो गयी
है सब आवा जाही,
खाते घर में
रहते तोड़ते चारपाई,
अन्ज़ाम नौ
महिना बाद में आई,
बैठारी से खट
- पट करे
लुगाई.
सरकार नहीं
दिया एक भी पाई
ये कैसी
बीमारी आफ़त है आई,
चारों ओर मातम
ही मातम छाई,
रब करे अब
कोरोना की बिदाई.