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हे परशुराम


हे परशुराम
गिरीन्द्र मोहन मिश्र , फ़ोटो जर्नलिस्ट
हे परशुराम जी आप लीजिए अवतार,
दुष्ट पापियो का आप कीजिए संहार.

इस जग का आप कीजिए  कल्याण,
ब्राह्मण का बरकरार  रखिए सम्मान.

झूठा, कातील ही पा रहा है  सम्मान,
अन्यायी सबका हो रहा  है  गुणगान.

रक्तरंजित हिन्दुस्तान का ये है पैगाम,
मुक्ति का युक्ति बताईये प्रभु परशुराम.

झूठा मक्कार ने किया है जीना हाराम,
इमान गौण  हो गया हावी  है  बेइमान.

आप सृष्टि चालक हैं दुष्टो का संहारक,
जी.एम.की तो सुनिये हे फरसाधारक.

एक्कीस बार वंशविहीन किये जिसको,
मौज़ूद है वही सर्वनाश कीजिये उसको.

आन मान सम्मान का सदा रहे हैं रक्षक,
आपके रहते ठहाका लगा रहा नरभक्षक.

विष्णुषष्ठरुपा अवतार लिये थे सत्यसार्थी,
जान पर आन पड़ा रहम कीजिए परमार्थी.

आज अवतरण दिवस पर शत शत प्रणाम,
ब्राह्मण लाज़ रखिये मत  कीजिए  विश्राम.