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अक्षय तृतीया के शुभ नक्षत्र पर जानिए कैसे करे माँ लक्ष्मी को प्रसन्न और क्या करें दान

अक्षय तृतीया के शुभ नक्षत्र पर जानिए कैसे करे माँ लक्ष्मी को प्रसन्न और क्या करें दान

लेखक प्रेम सागर पाण्डेय जी ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु सलाहकार है 
                वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। अक्षय तृतीया की तिथि अबूझ मुहूर्त की तिथियों में से एक है। अक्षय तृतीया इस बार 26 अप्रैल 2020 को मनाई जाएगी। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य जरूर सफल होता है। अक्षय तृतीया पर किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पंचांग देखने की आवश्कता नहीं होती। इस तिथि में किया गया कोई भी कार्य कभी भी निष्फल नहीं होता है।  यह तिथि सभी तरह के शुभ कार्यों को संपन्न करने के लिए शुभ मानी जाती है। वैवाहिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान, गृह प्रवेश, व्यापार, जप-तप और पूजा-पाठ करने के लिए यह अक्षय तृतीया बहुत ही शुभ मानी गयी है। इस दिन दान और गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इसदिन दान का पुण्य लाभ अक्षय रहता है यानी कभी नष्ट नहीं होता है।
कब है अक्षय तृतीया
          दुनिया में कोरोना वायरस के फैलाने के कारण इस बार अक्षय तृतीया की पूजा घर पर करना श्रेष्ठ रहेगा। इस बार तृतीया व्यापिनी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग से 26 अप्रैल 2020 को मनाया जाएगा।
         अक्षय तृतीया से जुड़ी मुख्य बातें••••••••
1:- मान्यता है सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत अक्षय तृतीया की तिथि पर हुई थी।

2:- अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम का जन्म हुआ।

3:- अक्षय तृतीया की पावन तिथि पर ही मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था।

4:- अक्षय तृतीया के दिन से ही वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखना आरंभ किया।

5:- बदरीनाथ धाम के कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं।

6:- अक्षय तृतीया पर वृंदावन के बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं ।
   धन-संपत्ति का सीधा संबंध वास्तुशास्त्र से होता है। किसी भी जातक के परिवेश में सकारात्मक और नकारात्मक शक्तियां उसके जीवन पर असर डालती हैं।         
           आइए जानते हैं वो खास सरल उपाय जिन्हें आजमाने से किसी के भी जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। अक्षय तृतीया के शुभ नक्षत्र पर जानिए कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न... 

1. लग्न राशि के ‘स्वामी ग्रह’ को करें प्रसन्न :- प्रत्येक जातक की एक चन्द्र राशि होती है और इसी तरह कुंडली में जन्म के समय से संबंधित एक लग्न राशि भी होती है। जातक गुण व व्यवहार को लग्न राशि काफी हद तक प्रभावित करती है। यदि किसी के कार्य नहीं बन पा रहे हैं या आर्थिक रूप से तकलीफ में हैं तो अपनी लग्न राशि के ‘स्वामी ग्रह’ के अनुकूल रंग की कोई वस्तु अपने साथ जरूर रखें या स्वामी ग्रह के रंग से संबंधित कोई एक छोटा कपड़ा (रूमाल आदि) अपने साथ जरूर रखें।

2. अलमारी रखें उचित स्थान पर :- धन की अलमारी उत्तर दिशा के कमरे में या नैऋत्य कोण के कमरे में दक्षिण की दीवार पर अगर लगी हो तो यह धनवृद्धि में लाभदायक साबित हो सकती है।

3. मुख्य द्वार पर दीपक लगाएं :- प्रात:-सुबह लक्ष्मीजी का पूजन घर में प्रतिदिन किया जाना चाहिए और सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर दाईं ओर एक घी का दीया जरूर जलाना चाहिए। इन दोनों कार्यों से धन की देवी लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर व्यक्ति के पास ही रहती हैं।

4. घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी का स्वरूप :- गणेश भगवान के स्वरूप को घर के मुख्य द्वार पर अन्दर लगाने जिसे श्रीगणेशजी का पृष्ट भाग बाहर हो घर में धन संबंधित सभी समस्याओं का अंत होता है और घर में नकारात्मक शक्तियों का भी उदय नहीं हो पाता है।

5. घर में तुलसीजी का पौधा लगाएं: तुलसीजी की सेवा करने से धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है। तुलसी के पौधे पर नियमित रूप से दीपक लगाने और पूजन से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। 

6. गोमाता को चारा खिलाएं :- नित्य सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर गोमाता को हरा चारा या हल्दी युक्त आटे की रोटी का भोग लगाने से भी लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं