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मेरे राम!

मेरे राम!

राम नवमी के पावन अवसर पर आप तमाम सनातन श्रद्धालुओं को शुभकामना बधाई पूर्वक समर्पित!
  संजय कुमार मिश्र"अणु"
          --:अध्यक्ष:--
   साहित्य कला परिषद् अरवल
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मेरे राम-
तेरे राम!
रोज-रोज करते संग्राम!!
         तेरे राम-मेरे राम!!
पग-पग पर प्रतिकार सहा जो,
विविध विपत्ति प्रहार सहा जो,
मंद-मंद मुस्कान लुटा कर-
          रहे सदा सुखधाम!
           तेरे राम-मेरे राम!!
संग-सखा वनवासी-अनुचर,
बने राम हित जीवन सहचर,
पतित-दलित का मान जुटा कर-
               बना रहा निष्काम!
                तेरे राम,मेरे राम!!
जीवन का आदर्श राम है,
जीवन का संघर्ष राम है,
"मिश्रअणु"सर्वस्व लुटा कर-
          पाया अनुपम ठाम!!
             तेरे राम-मेरे राम!! ---:भारतका एक ब्राह्मण.
 
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