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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) स्कीम के तहत 1 अप्रैल, 2020 से असम एवं मेघालय राज्यों तथा जम्मू एवं कश्मीर और लद्वाख केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों के संबंध में डेटा की आधार सीडिंग की अनिवार्य आवश्यकता में ढील के विस्तार को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम-किसान स्कीम के तहत असम एवं मेघालय राज्यों तथा जम्मू एवं कश्मीर और लद्वाख केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों को उन्हें लाभ जारी किए जाने के लिए डेटा की आधार सीडिंग की अनिवार्य आवश्यकता में 31 मार्च, 2021 तक ढील देने को अपनी मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसानस्कीम माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 24 फरवरी2019 को लांच की गई थी। इस स्कीम का उद्वेश्य कुछ विशेष अपवर्जनों के अधीनखेती भूमि के साथ देश भर में सभी भूस्वामी कृषक परिवारों को आय सहायता उपलब्ध कराना है। इस स्कीम के तहत6000 रुपये प्रति वर्ष की राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में चार-चार महीने पर2000 रुपये प्रत्येक की तीन किस्तों में जारी की जाती है। यह योजना दिसंबर2018 से प्रभावी है। दिसंबर2019 से असम एवं मेघालय राज्यों तथा जम्मू एवं कश्मीर और लद्वाख केंद्र शासित प्रदेशों के मामलों को छोड़करजिन्हें बेहद मामूली आधार पैठ के कारण इस आवश्यकता से 31 मार्च2020 तक रियायत दी गई हैलाभ की राशि केवल पीएम-किसान पोर्टल पर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा अपलोड किए गए लाभार्थियों के आधार सीडेड डेटा के जरिये ही जारी की जाती है।
ऐसा आकलन किया गया है कि असम एवं मेघालय राज्यों तथा जम्मू एवं कश्मीर और लद्वाख केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों के डेटा की आधार सीडिंग के कार्य को पूरा करने में अभी बहुत अधिक समय लगेगा और अगर डेटा की आधार सीडिंग की अनिवार्य आवश्यकता में ढील को और विस्तार न दिया गया तो इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थी अप्रैल2020 के बाद से इस स्कीम का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लाभार्थी किसानों की कुल संख्याजिन्हें 8.4.2020 तक कम से कम एक किस्त का भुगतान किया गया हैअसम में 27,09,586 लाभार्थी हैंमेघालय में 98,915 लाभार्थी हैं और लद्वाख सहित जम्मू एवं कश्मीर में 10,01,668 लाभार्थी हैं।