अन्तर प्रांतीय अपराधी गिरोह का फर्जीवाड़ा ।
फर्जी प्रतिक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर लाखों का घोटाला उजागर।
सारण (बिहार)अन्तर प्रांतीय अपराधी गिरोह का एक सनसनी खेज कारनामा उजागर हुआ है
जिसके अन्तर्गत फर्जी शिक्षक सतीश मिश्र उर्फ राजू की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ अव अन्य आठ शिक्षकों के वेतन भुगतान का रिकार्ड खंगाल रही है एस टी एफ के हाथ 19 सितंबर 2017 को तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया द्वारा जारी पत्र हाथ लगा है जिसमें सतीश मिश्र सहित नौ फर्जी शिक्षकों को भुगतान किए गये 96.76 लाख रुपये की वसूली के लिए वित्त एवं लेखा अधिकारी देवरिया से ब्यौरा तलब किया गया था ।
एस टी एफ के सक्रियता से गत 17 फरवरी 2020 को मास्टर माइंड सतीश मिश्र को गुप्त सूचना के आधार पर गोरखपुर से गिरफ्तार किया गहन पूछताछ में सतीश मिश्र ने कबूल किया कि उग्रसेन लघु माध्यमिक विद्यालय शाहपुर पुरेनी देवरिया में उसके साथ वी.एड. की फर्जी डिग्री पर पांच अन्य शिक्षकों एवं ऋषि राज देवराहा बाबा लघु माध्यमिक विद्यालय सरौरा बिसेन देवरिया में तीन शिक्षकों की नियुक्ति की गई। गौरतलब है सभी नियुक्त शिक्षकों की फर्जी वी. एड.की उपाधि अहमदाबाद (गुजरात ) स्थित प्रकाश कॉलेज ऑफ एजुकेशन से कूट रचित कर बनवाई गई थी जब कि उक्त नाम की धरातल पर कोई प्रशिक्षण संस्थान नहीं है और न उसे एनसीईआरटी द्वारा मान्यता प्राप्त है। सतीश उर्फ राजू की स्वीकारोक्ति की पुष्टि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया के पत्र से हो रहा है सतीश मिश्र ने स्वीकारोक्ति में बताया कि अमिलेखो में कूट रचना कर फर्जी प्रमाण -पत्र के आधार पर वेतन एरियर मद में बेक डेटिंग कर 96लाख76 हजार 42रुपया गवन किया गया है। संवधित शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराये बिना वेतन भुगतान के लिए संवन्धित संस्था के प्रबंधक स्पष्ट रूप से दोषी है। भुगतान की गई राशि को राज कोष में जमा कराने की कार्यवाही चल रही है परंतु राजनीतिक हस्तक्षेप से मामला लगातार लटकता जा रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया ने वित्त एवं लेखा अधिकारी देवरिया द्वारा प्राप्त वितरण के आधार पर दोनों संस्थाओं के प्रबंधकों के निजी संपत्ति से आर सी जारी करा कर वसूली की कार्यवाही कराया जाना है। सत्य प्रकाश सिंह प्रभारी एस टीएफ गोरखपुर के अनुसार अनुदानित विद्यालयों में नियुक्त फर्जी शिक्षकों से जुड़े कई साक्ष्य हाथ लगे हैं मामले की जांच की जा रही है जल्द ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब है कि नियमानुसार शिक्षक/ कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में प्रबंधक नियुक्ति प्राधिकारी होते हैं। उनका सगा संबंधी किसी अभ्यर्थी की नियुक्ति नहीं किया जाना है परंतु उक्त दोनों विद्यालयों के प्रबंधकों ने अपने पुत्र तथा बहू को एक दूसरे विद्यालय में नियुक्त करा कर योग्य उम्मीदवारों को अनदेखी कर अवैध नियुक्ति किया गया है चर्चा है कि नियुक्ति के कुछ वर्षों बाद समायोजन करा कर दोनो प्रबंधकों ने अपने आश्रितों को अपने - अपने विद्यालय में योगदान करा कर कानून के आंख मैं धूल झोंक दिया है
आश्चर्यजनक तथ्य है कि ऋषिराज देवराहा बाबा लघु माध्यमिक विद्यालय सरौरा बिसेन थाना- कोतवाली जिला- देवरिया (उत्तर प्रदेश) के प्रबंधक घनश्याम शाएही उर्फ भरत शाही ग्राम - सरौरा विशेन थाना कोतवाली जिला- देवरिया (उत्तर प्रदेश) एक खूंखार अपराधी है इन्होंने अपने अपराधी प्रवृत्ति से जुड़े पुत्र धर्मेंद्र शाही तथा उनकी पत्नी को फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ति कराया है पिता-पुत्र दोनों अंतर प्रांतीय अपराधी गिरोह के सरगना है घनश्याम शाही उर्फ भरत शाही के विरुद्ध बिहार एवं उत्तर प्रदेश राज्य के
विभिन्न पुलिस थाना में अपराध पंजीकृत है
ध्यातब्य हैं कि गोपालगंज जिला अंतर्गत विजयपुर थाना कांड सं० - 03/87 दिनांक 30.07.87 थाना कांड सं०13/87 दिनांक 21-3-87विजयपुर कांड सं० 50/88 दिनाक 25-7-88 विजयपुर थाना कांड सं० 33/91 दिनांक 20-5-91 जयपुर थाना संख्या 61/92 दिनांक 2-12-92 विजयपुर थाना संख्या 62/92दिनांक 31-10-92 विजयपुर थाना कांड संख्या74/94दिनांक 21-9-94विजयपुर थाना कांड संख्या 87/01
विजयपुर थाना कांड संख्या 06/06 दिनांक 01-6-06 कटेया थाना कांड संख्या 33/88 भोरे थाना कांड संख्या 8/80
उत्तर एवं राज्य के देवरिया जिला के अधीन कोतवाली थाना कांड संख्या 142/04 अपराधिक वाद पंजीकृत है श्रीमान प्रबंधक जी का अपराधिक इतिहास तारीफे काबिल है। इनके अपराधिक छवि के चलते सत्ताधारी दल के राजनीतिक वर्चस्व रखने वाले लोगों का सरक्षण मिलता रहा है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि उत्तर प्रदेश या बिहार राज्य में चाहे जिस दल की सरकार रही है उनको राजनीतिक संरक्षण वदस्तूर जारी रहा है जिससे इनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हो रही है इनके सुपुत्र धर्मेंद्र शाही का अपराधिक इतिहास पिता के नक्शे कदम बढ़ता जा रहा है उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य में संचालित तमाम शिक्षण संस्थाओं में फर्जी प्रबंध समिति बनाकर नौकरी के नाम पर ठगी करना
तथा प्रशासन को अपने राजनीतिक रसूक के बल पर मजबूर कर कानून के साथ आंख मिचौली खेलने का अभियान चलाया जा रहा है धर्मेंद्र शाही के विरुद्ध बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के अधीन विजयपुर थाना कांड संख्या 87/2001,विजयपुर दिनांक 5-06-06थाना कांड संख्या 22/05 विजयपुर थाना कांड संख्या 06/206-1-6-06 भोरे थाना कांड संख्या 96/1993 भोरे थाना कांड संख्या 51/97
एवं उत्तर प्रदेश राज्य के अधीन जिला - देवरिया अंतर्गत थाना - कोतवाली - देवरिया - कांड संख्या 44/84 एवं कांड संख्या 142/84 पंजीकृत है मजेदार तथ्य है कि धर्मेंद्र शाही स्वयं तथा अपनी पत्नी को जाली प्रशिक्षण प्रमाण पत्र पर नौकरी कर लाखों रुपया का गवन किया है पिता - पुत्र के अपराधी प्रवृत्ति के चलते आम जनता मुंह खोलना मुनाशिब नहीं समझती है। पुलिस इन अपराधियों के समक्ष समर्पण कर घुटना टेक दिया है।उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य के अधिकांश अपराधी गिरोहों का नेटवर्क है जो घटना को अंजाम देकर एक दूसरे राज्य में (सेल्टर) लेते है जो कानून के नजर में धूल झोंक रहे है
भरत शाही,धर्मेंद्र शाही अपराधी गिरोह के मुख्य शूटर रामाशंकर यादव पिता गोरख यादव सा भेड़ापाकर कला थाना भलुअनी जिला देवरिया उत्तर प्रदेश है इसके अलावा भरत शाही का साला अखिलेश पाल उर्फ बघेला सिंह योगेंद्र तिवारी पिता नर्वदेश्वर तिवारी, प्रभु नाथ तिवारी पिता ब्रम्हा तिवारी दोनों सा डोमनपूरा थाना बघौचघाट जिला देवरिया तथा वीरेंद्र चौरसिया पिता रामदबड़ चौरसिया ग्राम भेड़ा पारकर कला थाना -भलुअनी जिला देवरिया उत्तर प्रदेश है जो अपहरण गुण्डा टैक्स वसूली,रंगदारी , जमीन दखली तथा नौकरी के नाम पर ठगी करते हैं जिसका खुलासा उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सूचना के अधिकार के तहत किया गया है परंतु दुखद घटना है कि अपने राजनीतिक रसूख के बल पर इस अपराधी गिरोह का दबदबा थाना -विजयपुर जिला - गोपालगंज (बिहार ) में बरकरार है तथा इनका पुलिस से मधुर संबंध कानून के राज का सांवलिया निशाना बना हुआ है
युवा समाजसेवी वरुण कुमार पाण्डेय (बजरंगी) ने आशंका जताई है कि यदि इस समय रहते इन अपराधी गिरोह पर लगाम नहीं कसा गया तो वह दिन दूर नहीं जब आम जनता लामबंद होकर इनका मुंहतोड़ जवाब देने पर मजबूर हो जाएगी ऐसी हालत में स्थित तनावपूर्ण एवं अति संवेदनशील होने की प्रबल संभावना है ।
श्री पांडे ने बिहार सरकार से मांग किया है कि इन अपराधियों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकार जैसे एसटीएफ का गठन किया जाए अन्यथा पुलिस इनके समक्ष लाचार एवं बेवस वनी हुई है जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में निरंतर अपराध बढ़ता जा रहा है
श्री बजरंगी ने प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा कि इन अपराधियों को संरक्षण देने वाले राजनीतिक लोगों की भूमिका की जांच आवश्यक है यदि सरकार की मंशा अपराधियों के विरुद्ध नकेल कसने की है तो उसे धरातल पर इमानदारी से उतारना होगा वरना कानून का राज अलापनेवालो के लिए यह फरेब साबित होगा।
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