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चौहतर वर्ष का बूढ़ा बरगद.

" चौहतर वर्ष का बूढ़ा बरगद."

दिलीप कुमार पाठक

परकोटे में बैठा पंछी
सोंच रहा था
कुछ यूँ ऐसा,
बरगद है ये अजर अमर
क्या होगा मेरे अण्डों का ?
मगर आया यूँ
एक बवन्डर,
बरगद पे
छा गया कहर.
छोड़ धड़ा को
गिरा धरा पर


चौहतर वर्ष का बूढ़ा बरगद
.दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |

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