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माँ आखिर माँ होती है

एक ममतामयी नर्स, उमा अधिकारी

हमारे संवाददाता नीरज पाठक की खबर 
बच्चे की माँ उसे दूध नहीं पिला सकतीं थीं और वार्ड में एडमिट अन्य महिलाओं ने संक्रमण के डर से दूध पिलाने से मना कर दिया। ऐसे में, मैंने खुद उस बच्चे को दूध पिलाने का फैसला किया," उमा अधिकारी।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के लेबर पोस्ट ऑपरेटिव वॉर्ड (एलपीओवी) में ड्यूटी पर तैनात नर्स, उमा अधिकारी का साढ़े आठ महीने का बेटा है। इस वजह से वह किसी भी नवजात को स्तनपान कराने की स्थिति में थीं।

उमा बताती हैं कि बहुत बार ऐसी स्थिति उनके सामने आती है, जब माँ बच्चे को दूध नहीं पिला सकती। ऐसे में, वे किसी और माँ से बच्चे को दूध पिलवा देते हैं। लेकिन फ़िलहाल, कोरोना के संक्रमण के डर से इसके लिए कोई भी तैयार नहीं था

"रात के लगभग 11 बजे मुझे वार्ड के हेल्पर ने बच्चे के बारे में बताया, 'दीदी, बहुत रो रहा है बच्चा, क्या करें?' मुझे लगा कि मैं अपने बच्चे को दूध पिला सकती हूँ तो इसे क्यों नहीं और मैंने उसे बच्चे को लेकर आने के लिए कहा," उन्होंने कहा।

उमा ने यह तस्वीर अपने पति को भेजी थी, जो उनके लिए परेशान थे। वह उन्हें भरोसा दिलाना चाहतीं थीं कि उन्होंने सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा है।

"मुझे नहीं पता था कि वह ये सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देंगे और वहां से यह वायरल हो जाएगी। मैंने कोई बहुत बड़ा काम नहीं किया है। उस समय यह मेरी ड्यूटी थी और एक माँ होने के नाते मैं उस बच्चे का दर्द समझ सकती थी," उन्होंने कहा।

इस मुश्किल वक़्त में जब लोग अस्पताल जाने से बच रहे हैं और मेडिकल स्टाफ की पूरी कोशिश है कि बिना मास्क या दस्ताने पहनें, वे किसी भी मरीज़ के संपर्क में न आएं। वहीं पर, उमा अधिकारी का यह कदम सराहनीय है! 
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