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285 करोड़ खर्च हुए और डेढ़ साल में ही ध्वस्त हो चुके इन पुल और सड़कों को लेकर जनता सवाल आखिर किससे करे?

जिले में डेढ़ साल के अंदर करीब 285 कराेड़ रुपए खर्च करके मुख्य रूप से तीन काम किए गए। 230 कराेड़ की लागत से बाइपास का निर्माण हुअा। 14 कराेड़ की लागत से विक्रमशिला सेतु की मरम्मत हुई। 41 कराेड़ रुपए खर्च कर सबाैर से रामजानीपुर के बीच में 31 किलाेमीटर लंबे एनएच का मजबूतीकरण किया गया। लेकिन निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी से स्थिति यह है कि एक से डेढ़ साल में ही सब टूट गए। अब उनकी मरम्मत शुरू की गई है। हालत यह है कि इन तीनाें याेजना पर 300 कराेड़ खर्च करने के बाद भी लाेगाें काे राहत नहीं मिल रही है। खराब सड़क से भारी वाहन फंसकर खराब हाे रहे हैं। नतीजा, भीषण जाम लग रहा है। आखिर इतनी जल्दी सड़क क्याें टूटी, इस सवाल के जवाब में इंजीनियर के पास वही पुराना बहाना है-ओवरलाेड से सड़क टूटी है। हालांकि उसकी मरम्मत की जा रही है। अब बीच-बीच में हाे रही बारिश की वजह से मरम्मत भी रुक-रुककर हाे रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब बनने के डेढ़ साल के अंदर सड़क टूट गई ताे अब मरम्मत के बाद कितने दिनाें तक चलेगी?

14 कराेड़ से मरम्मत के बाद भी डेढ़ साल में ही हो गया जर्जर

विक्रमशिला सेतु के बनने के बाद पहली बार 17 साल के बाद पहली बार इसकी मरम्मत की गई। पुल की मरम्मत के डेढ़ साल बाद ही हालत खस्ताहाल होने लगी है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने 14 करोड़ रुपए मरम्मत में लगाए, लेकिन महज एक साल में ही सड़क की सतह उखड़ने लगी है। लोहे के रॉड नजर आने लगे हैं। जगह-जगह गड्‌ढे बनने लगे हैं। सबसे खतरनाक स्थिति यह है कि भागलपुर से नवगछिया की तरफ जाने में पुल के पाेल नंबर 80 से 83 के बीच बाएं तरफ की सड़क धंस गई है। इससे हादसे का खतरा बढ़ गया है। वहां गाड़ी पहुंचने पर दूसरी लाइन में जाती है। इससे जाम की स्थिति बन रही है। बता दें कि 2017 में जर्जर पुल की मरम्मत के लिए पुल निर्माण निगम ने मुंबई की कंपनी रोहड़ा रिबिल्ड स्ट्रक्चर को जिम्मा सौंपा था। 14 करोड़ की लागत से इस पुल की मरम्मत 28 जनवरी 2017 को शुरू हुई। पहले फेज में खराब एक्सपेंशन ज्वॉइंट बदले गए और फिर 2018 में बियरिंग बदलने के साथ ठेका एजेंसी ने सरफेस भी बनाए। लेकिन अब इसकी हालत बेहद खराब हाे गई है।

41 कराेड़ रुपए खर्च हुए, फिर भी सबाैर-कहलगांव एनएच गड्‌ढ़े में

सबाैर से रामजानीपुर के बीच 41 कराेड़ की लागत से 31 किलाेमीटर लंबे एनएच के मजबूतीकरण का ठेका पलक इंफ्रा काे दिया गया। लेकिन अब तक इस एनएच की स्थिति नहीं सुधर सकी है। शंकरपुर घाेघा से काैआपुल तक करीब आठ किलाेमीटर लंबी सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हाे गई है। वहां सड़क की जगह केवल गड्ढे बचे हैं। हल्की बारिश में ही उन गड्ढाें में पानी भर जाता है और तालाब सी स्थिति बन जाती है। इसके साथ ही इंजीनियरिंग काॅलेज से काैआपुल के बीच की भी हालत खराब है। जर्जर एनएच की वजह से वहां जाम की स्थिति बन रही है। हालांकि इस मामले काे डीएम ने गंभीरता से लिया। डीएम और कहलगांव के एसडीओने एनएच के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर काे पत्र भी भेजा। इसके जवाब में एनएच के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने कहा है कि पिछले वर्ष बाढ़ व पथ परत की चाैड़ाई 5.50 मीटर हाेने के बाद भी क्षमता से ज्यादा भारी वाहनाें के चलने से सड़क की ऐसी स्थिति है। इसमें कहा गया है कि घाेघा से काैआपुल के बीच एनएच की मरम्मत का निर्देश ठेकेदार काे दिया गया है। जबकि इंजीनियरिंग काॅलेज से काैआपुल के बीच पथ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से चेंज ऑफ स्काेप के तहत प्राक्कलन की स्वीकृति मिली है। इसके लिए भी मरम्मत का निर्देश दिया गया है।

बनने के साथ टूटने लगा था अब ताे पूरी तरह से जर्जर

230 कराेड़ की लागत से बाइपास का निर्माण पिछले साल पूरा हुआ। उदयपुर की कंपनी जीआर इंफ्रा काे ठेका मिला था। इसके साथ ही बाइपास चालू हाे गया। लेकिन कुछ दिनाें के बाद ही बाइपास टूटने लगा। अगर निर्माण के वक्त विभाग के पदाधिकारी सही ढंग से निगरानी करते ताे बाइपास की ऐसी स्थिति नहीं हाेती। अब इसकी हालत बेहद खराब है। लाॅकडाउन की अवधि में इसकी मरम्मत शुरू की जानी थी। लेकिन उस वक्त शुरू नहीं की। अब इसकी मरम्मत की जा रही है। लेकिन वह भी धीमी गति से हाे रही है। अब इसकी हालत ऐसी है कि हल्की बारिश में ही बाइपास कच्ची सड़क सी दिखने लगी है। इस पर भारी वाहन चलते हैं। ऐसे में गड्ढाें की वजह से अक्सर ट्रक खराब हाे रहे हैं और जाम की स्थिति बनी रहती है। बाइपास जाम हाेने से रात में कई ट्रक फिर से शहर हाेकर गुजरने लगे हैं। जबकि शहर काे जाम से राहत मिले, इसके लिए ही बाइपास का निर्माण किया गया। लेकिन निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी से इसकी हालत बदतर हाे गई। एनएच के इंजीनियर केवल बहाना बना रहे हैं कि ओवरलाेड की वजह से बाइपास टूटा।



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Repair patchwork on the highway of corruption


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/repair-patchwork-on-the-highway-of-corruption-127497000.html

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