Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

सावनपुरिया (मगही कविता)

सावनपुरिया (मगही परम्परा के जान)

सेंदुरा के बनबल पुरिया 
सवनमा में अयलइ सवनपुरिया ।।

मंगिया ला सेंदुरा कलाई ला कंगनमा ।
सखी सब पेटी-पउता देखित अंगनमा ।।
हथबा ला हरियर चुरिया 
समनमा में अयलइ समनपुरिया ।।

पेन्हे ला पटोर आयल गहगह पियरिया ।
सज-धज करी लेली सोलहो सिंगरिया ।।
देहिया में बरे सुरसुरिया 
सवनमा में अयलइ सवनपुरिया ।।

रिमझिम बुन्नी परे सनके पवनमा ।
सिहरे बदनमा न अयलन सजनमा ।।
अब न सहल जाये दुरिया 
समनमा में अयलइ समनपुरिया ।।

सहे-सहे बीतल जाये बारी रे उमSरिया ।
लच-लच लचकइत पतरी कमSरिया ।।
दे द चितचैन हो साँवरिया !
सवनमा में अयलइ सावनपुरिया ।।

कवि चितरंजन 'चैनपुरा' , जहानाबाद, बिहार, 804425
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ