सावनपुरिया (मगही परम्परा के जान)
सेंदुरा के बनबल पुरिया
सवनमा में अयलइ सवनपुरिया ।।
मंगिया ला सेंदुरा कलाई ला कंगनमा ।
सखी सब पेटी-पउता देखित अंगनमा ।।
हथबा ला हरियर चुरिया
समनमा में अयलइ समनपुरिया ।।
पेन्हे ला पटोर आयल गहगह पियरिया ।
सज-धज करी लेली सोलहो सिंगरिया ।।
देहिया में बरे सुरसुरिया
सवनमा में अयलइ सवनपुरिया ।।
रिमझिम बुन्नी परे सनके पवनमा ।
सिहरे बदनमा न अयलन सजनमा ।।
अब न सहल जाये दुरिया
समनमा में अयलइ समनपुरिया ।।
सहे-सहे बीतल जाये बारी रे उमSरिया ।
लच-लच लचकइत पतरी कमSरिया ।।
दे द चितचैन हो साँवरिया !
सवनमा में अयलइ सावनपुरिया ।।
कवि चितरंजन 'चैनपुरा' , जहानाबाद, बिहार, 804425
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