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बागमती का जलस्तर खतरे के निशान के पार नदी किनारे बसे गांवों के लोगों की बेचैनी बढ़ी

बागमती के जलस्तर के खतरे के निशान से पार करते ही नदी किनारे व आसपास बसे गांवों के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। लोग माल-मवेशी व रोजमर्रा जरूरत के सामान के साथ सुरक्षित जगहों की ओर पलायन करने लगे हैं। शनिवार को बागमती का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान से 103 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा था। देर रात इसमें वृद्धि जारी थी। औराई के बभनगामा पश्चिमी, मधुवन प्रताप, बाड़ा बुजुर्ग, बाड़ा खुर्द, हरणी, राघोपुर तरवन्ना, चैनपुर समेत तकरीबन एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

इससे करीब ढाई सौ परिवार घरों के अंदर घुस जाने से प्रभावित हैं। लोग धीरे-धीरे बागमती उत्तरी व दक्षिणी तटबंध पर बने आशियाने में शरण लेने लगे हैं। रोजमर्रा के सामान व मवेशी के साथ लोग ऊंचे स्थानों की ओर जाने लगे हैं। सरकारी स्तर पर आवागमन के लिए बभनगामा पूर्वी में एक व पश्चिमी में दो नाव की व्यवस्था की गई है। सीओ ज्ञानानंद बताया कि अभी बाढ़ नियंत्रण में है। नाव की व्यवस्था मांग के हिसाब से की जाएगी। विस्थापित परिवारों को सरकारी स्तर पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

दूसरी ओर, बेनीपुर के निकट उप धारा को बंद कर मुख्यधारा को चालू करने की सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना फिलहाल बागमती की धारा में डूबती दिखाई दे रही है। मुख्यधारा में पानी का कम बहाव हो रहा है जबकि उप धारा में पानी का बहाव काफी तेज हो रहा है। मुख्यधारा में गाद भरने से ऐसा हुआ, जिसकी सफाई करने में वर्तमान एजेंसी भी विफल होती दिखाई दे रही है। फिलहाल उप धारा के किनारे बसे कई गांवों के लोग तरह-तरह की आशंकाओं से सहमे हुए हैं।

बागमती खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर गंडक-बूढ़ी गंडक के जलस्तर में भी वृद्धि

औराई के बभनगामा गांव में पानी फैल जाने से अब नाव ही आवाजाही का सहारा बची।

नेपाल समेत तराई क्षेत्रों में 2 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण बागमती नदी उफान पर है। बागमती नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण कटौझा में यह खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर 56.20 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही गंडक बराज से रिकॉर्ड 273600 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी के साथ बूढ़ी गंडक के जलस्तर में भी वृद्धि हो रही है। जिले से गुजरने वाली नदियों का जलस्तर में शनिवार को एक बार फिर से तेजी से वृद्धि शुरू हो गई।

शनिवार की सुबह से बागमती नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने से बेनीबाद-कटरा सड़क पर पानी चढ़ जाने से कटरा प्रखंड की 14 पंचायतों का सड़क संपर्क भंग हो गया। इसके साथ ही औराई प्रखंड के दक्षिणी हिस्से की सात पंचायत के लोगों को अब सीतामढ़ी के रास्ते प्रखंड मुख्यालय पहुंचना होगा। देर शाम से गंडक नदी के साथ ही बूढ़ी गंडक के जलस्तर में भी वृद्धि शुरू हो गई। हालांकि, दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।

कटरा में आधा दर्जन सड़कों पर एक से तीन फीट तक बह रहा पानी

कटरा में कटाव रोकने के लिए किया गया इंतजाम।

नेपाल एवं उसके जलग्रहण क्षेत्र समेत प्रखंड में पिछले 24 घंटे से हो रही लगातार वर्षा के कारण प्रखंड में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से प्रखंड की आधा दर्जन से अधिक सड़कों पर बाढ़ का पानी एक से लेकर तीन फीट तक बह रहा है। बकुची समेत तीन अन्य जगहों पर पानी के तेज बहाव के कारण सड़क का कटाव जारी है।

जिले में 24 घंटे तक बारिश का अनुमान : मौसम विभाग ने बारिश के लिए मशहूर ट्रंप रेखा के इसी क्षेत्र में होने से अभी और वर्षा होने की संभावना जताई है। जिले में शनिवार क औसत 30.1 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। शनिवार को पूर्वी चंपारण जिले के चनपटिया में सबसे अधिक 150 मिलीमीटर बारिश हुई है। जिले में जुलाई माह में अब तक 304. 8 मिलीमीटर के विरुद्ध 137.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। मौसम विभाग ने 24 घंटे तक अधिक बारिश होने के साथ ही अगले 4 दिन तक पूरे क्षेत्र में हल्के से मध्यम बारिश की संभावना जताई है।

डायवर्सन टूटने से परेशानी बढ़ी, 10 गांवों का संपर्क भंग
मीनापुर | मीनापुर-टेंगराहा पथ के तीसरे किमी में पुल के नजदीक डायवर्सन टूट जाने के कारण 10 गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। पिपरासेन, नंदना, भाव छपरा, गांगी छपरा, लौतन, गोरीगामा, टेंगराहा व सलेमापुर के ग्रामीणों को मुख्य सड़क पर आने के लिए तुर्की होकर या एनएच-77 होकर आना होगा।

डायवर्सन टूटने से परेशानी बढ़ी, 10 गांवों का संपर्क भंग
मीनापुर-टेंगराहा पथ के तीसरे किमी में पुल के नजदीक डायवर्सन टूट जाने के कारण 10 गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। पिपरासेन, नंदना, भाव छपरा, गांगी छपरा, लौतन, गोरीगामा, टेंगराहा व सलेमापुर के ग्रामीणों को मुख्य सड़क पर आने के लिए तुर्की होकर या एनएच-77 होकर आना होगा।

गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा, बाढ़ का खतरा
बाल्मीकि नगर बराज से प्रतिदिन पानी डिस्चार्ज होने से गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को 121500 क्यूसेक एवं शनिवार को 273600 क्यूसेक पानी गंडक नदी में डिस्चार्ज किए जाने के बाद जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। रविवार और सोमवार को गंडक में जलस्तर में बढ़ोतरी होगी।

बूढ़ी गंडक का बिंदा बांध हुआ जर्जर

तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण बूढ़ी गंडक नदी के दक्षिणी तटबंध पर बुधनगरा से बिंदा तक बांध का हाल काफी जर्जर हो गया है। एेसे ही लगातार बारिश होती रही तो बिंदा में बूढ़ी गंडक नदी पर बना बांध ध्वस्त हो जाएगा। नरौली पंचायत की मुखिया अनारसी देवी, पैक्स अध्यक्ष भोला राय, पंसस मो. अली, रंजीत कुमार, रामकुमार राय, वशिष्ठ झा, भोला राय आदि ने बताया कि नरौली पंचायत के वार्ड-11 स्थित बिंदा गांव की बड़ी आबादी बूढ़ी गंडक नदी बांध के दोनों किनारे पर बसी है।

बांध की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। इसकी सूचना सीओ से लेकर जल संसाधन विभाग तक को कई बार दी गई है। लेकिन कोई अधिकारी सुनने को तैयार नही हैं। हालांकि, बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में कमी आने से फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है। 10 दिन पहले ग्रामीणों की शिकायत पर बोचहां विधायक बेबी कुमारी ने रजवाड़ा से बुधनगरा तक बूढ़ी गंडक नदी बांध का जायजा लिया था। इस दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता की गाड़ी बुधनगरा में जर्जर बांध पर फंस गई थी।

बोचहां विधायक ने बांध की जर्जर स्थिति पर नाराजगी जताते हुए डीएम से लेकर जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव तक से शिकायत कर शीघ्र कन्हौली से सलहा तक बूढ़ी गंडक नदी के जर्जर बांध की मरम्मत करवाने की मांग की थी। उसके अगले दिन डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने महकमे के साथ रजवाड़ा बांध और स्लुइस गेट का निरीक्षण किया था। इसके आगे बांध की स्थिति जर्जर होने के कारण डीएम आगे नहीं जा सके थे। डीएम ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता को शीघ्र जर्जर बांध की मरम्मत कराने का निर्देश दिया था। लेकिन, कुछ नहीं हुआ।



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Bagmati's water level rises beyond the danger mark to the people of the villages along the river


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/news/bagmatis-water-level-rises-beyond-the-danger-mark-to-the-people-of-the-villages-along-the-river-127502941.html

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