राजधानी की सड़कों पर सीएनजी ऑटो परिचालन करने के लिए अगले साल परमिट मिल सकता है। अभी चल रहे बिना परमिट के सीएनजी ऑटो को परमिट भी मिल सकता है। मार्च 2019 के बाद से सीएनजी ऑटो का परमिट बंद कर दिया गया है। सिर्फ वैसे लोगों को मिल रहा है जिन लोगों के पास पहले से डीजल या पेट्रोल ऑटो का परमिट है। उसी परमिट के आधार पर सीएनजी का परमिट मिल रहा है। अगर परमिट पहले से नहीं है तो नया परमिट नहीं मिलेगा। राजधानी में सीएनजी ऑटो तेजी से बिक रही है, क्योंकि सीएनजी आटो माइलेज अधिक देता है और पेट्रोल की तुलना में कम पैसा भी लगता है।
इसलिए अभी पेट्रोल ऑटो की जगह लोग सीएनजी ऑटो लेना अधिक पसंद कर रहे हैं। 31 मार्च 2021 के बाद नगर निगम और नगर परिषद के क्षेत्र में पेट्रोल और डीजल ऑटो परिचालन करने पर प्रतिबंध है। बढ़ती ऑटो की संख्या को देखते हुए सीएनजी ऑटो का परमिट देना 2019 में बंद कर दिया गया था लेकिन जब 2021 में पेट्रोल और डीजल ऑटो का परिचालन बंद होने वाला है। अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में वायु प्रदूषण कम करने के लिए अगले साल सिर्फ सीएनजी ऑटो चलेगी तो परमिट मिल भी सकता है या जिसके पास अभी परमिट है उसे ही सीएनजी ऑटो का परमिट दिया जाएगा।
गेल मार्च तक राजधानी में 15 सीएनजी स्टेशन खोलेगा
राजधानी में बढ़ती सीएनजी ऑटो की संख्या को देखते हुए गेल कंपनी सीएनजी स्टेशनों की संख्या लगातार बढ़ा रही है। गेल के डीजीएम रजनिश कुमार ने बताय कि मार्च 2021 तक राजधानी में करीब 15 सीएनजी स्टेशन खोला जाएगा। अभी तक पांच सीएनजी स्टेशन चालू है। और तीन एक-दो माह के अंदर चालू होने वाला है।
इसके अलावा सात सीएनजी स्टेशन खोलने के लिए राजधानी के विभिन्न इलाकों में सर्वे चल रही है। मार्च तक सातों सीएनजी स्टेशन को नगर परिषद या नगर निगम क्षेत्र में खोला जाएगा। गेल के द्वारा आने वाले दिनों में सीएनजी के दिक्कत न हो इसके लिए सीएनजी स्टेशन तेजी से बैठा रही है। पेट्रोल और डीजल की तुलना में सीएनजी अधिक माइलेज देता है।
डीजल और पेट्रोल का परमिट 2014 से ही बंद
शहर में 10-15 हजार ऑटो रिक्शा को ही परमिट दी जानी है। 2014 में ही शहर में करीब 15 हजार ऑटो रिक्शा होने के बाद परिवहन विभाग ने परमिट देना बंद कर दिया था। फरवरी 2019 में जब सीएनजी पंप आए तो एक बार फिर ऑटो रिक्शे की परमिट चालू हुई। 1500 सीएनजी परमिट जारी होने के बाद, अब इसे भी बंद करने का निर्देश दिया गया है।
विभाग ने रोक का कारण बताया कि पटना में जाम बड़ी समस्या है। ऐसे में करीब 15 हजार ऑटो बहुत हैं, इससे अधिक नहीं चलाए जा सकते। हालांकि कि शहर के अलावा बाहरी परमिट पर भी हजारो ऑटो पटना में दौड़ रहे हैं। नगर परिषद और नगर निगम क्षेत्र में बिना परमिट और परमिट वाले ऑटो की संख्या करीब 25 हजार है।
क्या है फायदा
- ऑटो चालक नवीन मिश्रा ने बताया कि जब से सीएनजी कीट गाड़ी में लगाए है पेट्रोल की तुलना में हर दिन 100 से अधिक रुपया की बचत होती है। पेट्रोल की अपेक्षा सीएनजी ऑटो मैलेज अधिक देती है।
- ऑटो चालक रंजीत कुमार ने बताया कि पेट्रोल एक लीटर डालने पर ऑटो करीब 10 किमी चलती है। वहीं सीएनजी एक केजी डालते है तो करीब 15-20 किमी अधिक ऑटो चलती है। पेट्रोल की तुलना सीएनजी सस्ता है।
यह भी जानिए
- पटना नगर निगम और नगर परिषद में करीब 4000 सीएनजी ऑटो
- पटना जिला में पांच सीएनजी स्टेंशन
- हर दिन करीब 12000 किलो बिक रहा है सीएनजी
- जीरो माइल के आस-पास दो सीएनजी स्टेशन पर टैंकर से सीएनजी भरा जाता है
- रूकनपुर सहित तीन सीएनजी स्टेशन पर पाइप लाइन से जाता है सीएनजी
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/cng-auto-permit-will-be-available-in-the-capital-from-january-127504180.html
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