
बिहार में कोरोना की स्थिति का आंकलन करने आई केंद्रीय टीम ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को कोरोना संक्रमित के ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट व ट्रैकिंग पर जोर देने को कहा है। बिहार में जांच का पैटर्न और संख्या बढ़ाकर ही सकारात्मक परिणाम को प्राप्त किया जा सकता है। केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि चार टी का यह फार्मूला मुंबई-दिल्ली में सफल रहा है और बिहार में भी सफल हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग को तेजी से हॉट स्पॉट व कंटेनमेंट जोन की पहचान कर उस क्षेत्र में तेजी से काम करने का भी निर्देश दिया। टीम का नेतृत्व कर रहे स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने देश के विभिन्न राज्यों के अनुभव का साझा बिहार के अधिकारियों के साथ किया और कहा की कोरोना की लड़ाई में केंद्र हर तरह की मदद करेगा।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत ने केंद्रीय टीम को कोरोना रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए अभी तक की कदम की जानकारी दी। उन्होंने राज्य के डेडिकेटेड हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज में 100-100 बेड के कोरोना वॉर्ड और आइसोलेशन सेंटर की विस्तृत जानकारी दी।
केंद्रीय टीम ने राज्य के कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल और राजधानी पटना के कंटेनमेंट जोन का दौरा किया। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट सेक्रेट्री लव अग्रवाल के नेतृत्व में पहुंची केंद्रीय टीम ने पटना के राजीव नगर इलाके का भी दौरा किया और जिलाधिकारी से जानकारी ली। इस टीम में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ. एसके सिंह और एम्स नई दिल्ली के मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल भी थे।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/central-team-emphasizes-review-tracing-testing-treatment-and-tracking-of-situation-with-officials-127529430.html
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