जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह ने कहा कि आज कुछ लोग गली-गली और चौक-चौराहे पर माफी मांगते घूम रहे हैं। लेकिन जब उन लोगों के हाथों में सत्ता थी। तब दलित समाज का भला करने की बजाए वे सिर्फ अपने परिवार के हित के बारे में सोचते और अपना खजाना भरने में ही लगे रह गए। आरसीपी शुक्रवार को जदयू महादलित प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने आरक्षण का प्रावधान किया। उसे नीतीश कुमार ने पंचायतों तक पहुंचा दिया।
आरसीपी ने कहा कि वर्ष 2005 में दलित, शोषित और वंचित समाज के लिए बिहार के बजट में सिर्फ 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। वहीं वर्ष 2020-21 में इनके लिए बजट में 17415 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
आरक्षण को नीतीश कुमार ने बिहार के पंचायतों तक पहुंचाया
विपक्ष के लोगों के पास जब जनता की सेवा करने का मौका था, तब वे सत्ता का सुख लेने में ही व्यस्त रहे। वर्ष 1978 के बाद 2001 में बिहार में पंचायती चुनाव हुए लेकिन उनलोगों ने दलित समाज को आरक्षण नहीं दिया। उस समय दलित समाज सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से प्रताड़ित था। वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में पंचायती राज व्यवस्था में अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत आरक्षण बिहार में लोकतंत्र को सशक्त बनाया। रूबेल रविदास ने अध्यक्षता की। वर्चुअल संवाद में पूर्व विधायक अरुण मांझी, राज्य महादलित आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हुलेश मांझी और जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप मौजूद थे।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/people-filling-the-treasury-are-now-apologizing-at-the-square-127500987.html
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