Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

गोपालगंज: कम नहीं हो रही बाढ़ पीड़ितों की परेशानी, नदी का जल स्तर 10 सेमी तक बढ़ा, 110 गांव हैं बाढ़ की जद में

बाढ़ पीड़ितों की परेशानी 17 दिन बाद भी कम नहीं हुई। अभी भी बाढ़ की जद में 110 गांव हैं। मौसम की स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि जिले में बाढ़ की पीड़ा फिलहाल कम होने वाली नहीं है। जिले में मौसम आसमान से बारिश का कहर बरपा रहा है। इधर 12 दिन बाद नेपाल में गंडक के जल अधिग्रहण वाले तराई व पहाड़ों पर बारिश तेज होने लगी है।

नतीजतन बाल्मीकि नगर डैम से पानी का डिस्चार्ज बढ़ गया है। सोमवार की शाम 4 बजे बराज से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे नदी के जलस्तर में आज बढ़ोतरी की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि नदी के जलस्तर में 10 सेंमी तक बढ़ोतरी हो सकती है। इससे पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ सकती है।
बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के बाद भी 150 गांवों का सड़क संपर्क भंग रहा है। करीब 110 गांवों में अभी भी बाढ़ की तबाही बरकरार है। इन गांवों में अभी भी तीन से चार फूट तक बाढ़ का पानी बह रहा है। जिन गांवों में बाढ़ का पानी दो से ढाई फुट तक बह रहा है, वहां सड़क ध्वस्त होने के कारण लोगों का आवागमन बाधित है।

सात से आठ फूट गहरे सड़क पर जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। बैकुंठपुर के 22 पंचायतों के 52 हजार की आबादी अभी भी विस्थापित होकर तटबंध पर शरण ले रही हैं। जमींदारी बांध, सारण मुख्य तटबंध तथा सारण रिटायर्ड बांध पर बाढ़ पीड़ितों की टेंट डुमरिया घाट से लेकर 32 किलोमीटर पूरब आशा खैरा गांव तक दिख रही है।

छपरा : सड़क व 15 फीट नहर कटकर तेज धार में बह गई

गंडक बराज से लगातार पानी डिस्चार्ज हो रहा है। सोमवार को 1.56 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। जिले के 10 प्रखंड के 80 से अधिक पंचायतों की सात लाख आबादी बाढ़ की चपेट में है। लिहाजा दिन-प्रतिदिन बाढ़ कई गांवों को अपने आगोश में लेते जा रहा है। सोमवार को अमनौर प्रखंड के रायपुरा पंचायत अंतर्गत महरुआ गांव में रायपुरा-रसूलपुर को जोड़ने वाली सड़क पानी के तेज बहाव में बह गई है। साथ ही नहर भी 15 फीट तक टूट चुकी है। पानी इस कदर बढ़ रहा है कि 1 से 2 दिनों में पूरा गड़खा प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ सकता है।

मुजफ्फरपुर : जल ग्रहण क्षेत्र में बारिश से बागमती और गंडक का जलस्तर स्थिर

नेपाल समेत जल ग्रहण क्षेत्र में एक बार फिर बारिश होने से जिले से गुजरने वाली प्रमुख नदियों में बागमती और गंडक का जलस्तर स्थिर हो गया है। दूसरी ओर, बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी जारी रहने से जिले के आधा दर्जन प्रखंड के लोगों ने राहत की सांस ली है। कमी के बाद भी बूढ़ी गंडक व बागमती नदी जहां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, वहीं गंडक लाल निशान के नीचे है। जुलाई में जिला समेत उत्तर बिहार में झमाझम बारिश से नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गईं हैं।

एक सप्ताह से बारिश थमने के बाद भी बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से 33 सेंटीमीटर तो बागमती 57 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। गंडक का जलस्तर रेवा घाट में खतरे के निशान से 53.76 मीटर नीचे स्थिर है। बागमती का जलस्तर कटौझा में 54.80 व बूढ़ी गंडक का जलस्तर सिकंदरपुर में 52.86 मीटर पर है। हालांकि, जिले में बाढ़ की स्थिति अभी भी भयावह है। प्रशासनिक आंकड़े के अनुसार, जिले के 14 प्रखंडों के 247 पंचायतों के लोग अत्यधिक जलजमाव से परेशान हैं।

सीवान : तेजी से घट रहा सरयू और दाहा का जलस्तर

बाढ़ की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। सरयू नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे के दौरान 38 सेंटीमीटर खिसका है। केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक गंगपुर सिसवन में सरयू नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे के दौरान 38 सेंटीमीटर कम हुआ है। वहीं दरौली में नदी का जलस्तर 24 सेंटीमीटर कम हो गया है। सोमवार की दोपहर 3:00 बजे सरयू नदी का जलस्तर गंगपुर सिसवन में 57.08 तथा दरौली में 60.88 मीटर रिकॉर्ड किया गया। हालांकि इन दोनों जगहों पर नदी का जलस्तर डेंजर प्वाइंट से थोड़ा ऊपर है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Trouble of flood victims did not decrease even on 17th day, water level of river rises by 10 cm, 110 villages are under flood


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/gopalganj/news/trouble-of-flood-victims-did-not-decrease-even-on-17th-day-water-level-of-river-rises-by-10-cm-110-villages-are-under-flood-127604460.html

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ