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पटना पुलिस के 4 अफसरों को तलाश रही थी बीएमसी, टैक्सी वालों काे दी थी फाेटाे

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच करने गए 2 अगस्त काे मुंबई पहुंचे सिटी एसपी विनय तिवारी काे महाराष्ट्र के एक कद्दावर नेता के इशारे पर उसी रात क्वारेंटाइन किया गया था। इसके बाद पटना से पहले गए चार पुलिस अफसराें काे भी क्वारेंटाइन करने के लिए बीएमसी तलाश रही थी। चाराें का फाेटाे टैक्सी वालाें काे दे दिया था। उन्हें कहा गया था कि ये दिखें ताे फाैरन सूचना दाे। सादी वर्दी में मुंबई पुलिस इन अफसराें की रेकी करने के साथ ही तलाश कर रही थी।

हालत यह थी कि ये चाराें अफसर पैदल चलने लगे। किसी तरह वहां की मीडिया से ही इन अफसराें काे बीएमसी की प्लानिंग की भनक लग गई। इसलिए अपना ठिकाना बदल दिया। ढाबा में छिपकर खाना खाते थे। दाे अफसर खाना खाने जाते और दाे का पैक कराकर ले आते थे। उनका मकसद सुशांत मामले की जांच काे पूरी तरह राेकना था। सूत्राें के अनुसार, जब बीएमसी को पता चला कि मुंबई पुलिस से ये चाराें रवाना हाेने वाले हैं ताे एयरपाेर्ट तक इनका पीछा किया। ये अफसर पीछे के रास्ते से एयरपाेर्ट में दाखिल हुए और फिर फ्लाइट पकड़कर पटना पहुंचे।
इधर सिटी एसपी विनय तिवारी काे जब 2 अगस्त की रात काे बीएमसी ने क्वारेंटाइन कर दिया ताे 3 अगस्त काे पटना से तीन और पुलिस अफसर मुंबई रवाना हुए। हालांकि इसे पूरी तरह से गाेपनीय रखा गया। मीडिया काे भी इसकी सूचना नहीं दी गई। दरअसल सिटी एसपी के क्वारेंटाइन हाेने के बाद 27 जुलाई काे मुंबई गए चाराें अफसराें काे क्वारेंटाइन करने के लिए बीएमसी तलाश रही थी।

इस वजह से वे अंडरग्राउंड हाे गए थे। जांच में कुछ चीजें अधूरी रह गई थीं। जब ये तीन अफसर मुंबई पहुंचे ताे सिटी एसपी और पहले से गए चाराें अफसराें के इशारे पर जांच काे पूरा किया। इन तीनाें ने भी कुछ लाेगाें से पूछताछ करने के साथ कुछ चीजें इकट्टा किए। ये तीनाें अफसर भी उन चार अफसराें के साथ मुंबई से विमान से पटना लाैट गए। जब मीडियाकर्मी वहां से चले गए तब तीनाें एयरपाेर्ट से बाहर निकले।

शिवसेना बौखलाई, राउत ने पूछा, क्या बिहार पुलिस ‘इंटरपोल’ है?

सुशांत केस की सीबीआई जांच से शिवसेना बौखला गई है। पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि मामले में महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री का नाम घसीटकर भाजपा इस केस का राजनीतिकरण कर रही है। राउत ने सेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है कि भाजपा मीडिया के हिस्से का इस्तेमाल कर उद्धव ठाकरे सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र रच रही है। उद्धव सरकार को अस्थिर करना चाहती है। एक टीवी चैनल तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है।

राउत ने बिहार पुलिस पर भी निशाना साधा और कहा कि वह फिजूल का मामले में कूदी। उन दिनों सुशांत के साथ कौन था जब वह मुंबई में वह अपना कॅरियर बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे? सुशांत ने जो कुछ हासिल किया उसके मूल में मुंबई ही रही। पिता केके सिंह से भी सुशांत के रिश्ते ठीक नहीं थे। पिता दूसरी शादी करना चाहते थे, जिससे सुशांत नाखुश थे। केके सिंह को बिहार में मुकदमा कायम करने लिए उकसाया गया। मामले की जांच करने बिहार पुलिस मुंबई आ गई, जहां घटना घटी थी। क्या बिहार पुलिस ‘इंटरपोल’ है?

बिहार पुलिस की कार्रवाई हमें कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की भी तीखी आलोचना की। कहा कि टीवी की बहस में मुंबई पुलिस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कर डीजीपी ने अपनी सेवा शर्तों को तोड़ा है। यह वही पांडेय हैं जिन्होंने बक्सर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा उम्मीदवार बनने के लिए 2009 में आईपीएस की नौकरी छोड़ दी थी।

बाद में उनकी पत्नी ने नौकरी वापसी के लिए यह कहते हुए सरकार को आवेदन दिया कि जब उनके पति ने इस्तीफा दिया था तब उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी। आज पांडेय मुख्यमंत्री के करीबी है। मीडिया रिपोर्ट बता रहीं कि वह जदयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं।
मुझे जितनी भी गाली दो, मगर सुशांत को न्याय मिलना चाहिए

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मामले में शिवसेना के सांसद संजय राउत के आरोप पर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने पलटवार किया है। डीजीपी ने संजय राउत के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि मुझे जितनी भी गाली देनी है दे दो, लेकिन सुशांत को न्याय मिलना चाहिए। इसके पहले संजय राउत ने डीजीपी पर आरोप लगाया था कि उनकी कार्यशैली से यह साफ लगता है कि वह बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं।

मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी संजय राउत ने गुप्तेश्वर पांडेय पर हमला करते हुए लिखा था कि 2009 में उन्होंने पुलिस की नौकरी से समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया था, ताकि वह चुनाव लड़ सकें। लेकिन, उन्हें बीजेपी का टिकट नहीं मिला। इधर, रविवार को गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट कर शिवसेना के नेता के आरोपों का जवाब दिया।

गुप्तेश्वर पांडेय ने लिखा कि जीवनभर निष्पक्ष रहकर निष्ठापूर्वक आम जनता की सेवा की है। मुझ पर बहुत तथ्यहीन अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं, जिसका जवाब देना उचित नहीं। हिफाजत हर किसी की मालिक बहुत खूबी से करता है। हवा भी चलती रहती है, दिया भी जलता रहता है। मुझे जितनी भी गाली दो, लेकिन सुशांत को न्याय चाहिए।



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BMC was searching for 4 officers of Patna Police, had given a fatate to taxi's


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/bmc-was-searching-for-4-officers-of-patna-police-had-given-a-fatate-to-taxis-127603526.html

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