मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पृथ्वी जरूरतों को पूरा कर सकती है, मनुष्य के लालच को नहीं। वह सोमवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत लघु जल संसाधन विभाग द्वारा जीर्णोद्धार किए गए 1093 जल स्रोतों के उद्घाटन समारोह को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्हाेंने कहा कि अनाप-शनाप ट्वीट करने वालों को बिहार की जनता की जागरुकता का एहसास नहीं है।
जल-जीवन-हरियाली के समर्थन में राज्य के 5.18 करोड़ लोगों ने 18 हजार किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बना दी थी। वहीं 2.51 करोड़ पौधरोपण के लक्ष्य की तुलना में बिहारवासियों ने 5 जून से 9 अगस्त के बीच 3.45 करोड़ पौधे लगा दिए। इसलिए बोलने वाले जो मन में आए बोलते रहे, हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। राज्य में हो रहे काम के प्रति लोगों में जबरदस्त जागृति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पर्यावरण पर संकट पैदा करने से बचना होगा। बिहार में हरियाली लगातार बढ़ रही है। वन और हरित आवरण को और भी ज्यादा बढ़ाना है। पूरे राज्य में तालाब, पोखर और सड़क से लेकर पहाड़ों तक पर पौधरोपण हो रहा है। लघु जल संसाधन विभाग के माध्यम से 3000 से अधिक 5 एकड़ से बड़े तालाबों और पोखरों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। इन सभी के किनारे बड़े पैमाने पर पौधरोपण कराया जाएगा।
जल-जीवन-हरियाली अभियान की वजह से राज्य के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता आई है। पिछले कुछ ही समय के भीतर 6162 कुआं और 131517 चापाकलों के पास सोख्ता का निर्माण करा लिया गया है। इससे भूमिगत जल के स्तर में बढ़ोतरी होगी। वहीं 20 जुलाई तक पूरे राज्य में अतिक्रमित पाए गए 26263 सार्वजनिक पोखर, तालाब, आहर और पईन में से 17864 को अतिक्रमणमुक्त करा लिया गया था।
कृषि यंत्राें पर किसानों को दी जा रही 80% तक सब्सिडी: उन्होंने कहा- खेतों में पराली जलाने की वजह से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। बिहार में लोगों को ऐसा नहीं करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। कंबाइन हार्वेस्टर की बजाय दूसरे कृषि यंत्रों का उपयोग करने के लिए किसानों को 75 से 80 प्रतिशत तक पर सब्सिडी दी जा रही है। फिलहाल राज्य के 8 जिलों में मौसम के अनुकूल खेती हो रही है। इसे जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
सात निश्चय में हुए काम की जिलावार रिपोर्ट होगी प्रकाशित
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय और जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत हुए काम की जानकारी लोगों को होनी चाहिए। इससे समाज में जागृति आएगी और लोगों का उत्साह बढ़ेगा। इसके लिए बेहतर होगा कि इन योजनाओं पर हुए काम की जिलावार रिपोर्ट प्रकाशित कराई जाए। इसके अलावा ग्रामीण विकास विभाग भी मनरेगा के जरिए जल-जीवन-हरियाली अभियान में कराए गए काम का पूरा विवरण प्रकाशित कराएगा। अभियान के तहत सरकार जल स्रोतों का बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार करा रही है।
लेकिन, इनका मेंटेनेंस भी होना चाहिए। वरना फिर पुरानी स्थिति कायम हो जाएगी। इसलिए सभी जिलों में पोखर, तालाब, चेक डैम, आहर और पईन की फोटोग्राफी करा ली जाए। इससे यह पता रहेगा कि कहां-कौन सा काम हुआ है? जल स्रोतों के किनारे की जमीन पर पौधरोपण कराने से उनका फिर कभी अतिक्रमण नहीं हो सकेगा। साथ ही इलाके में हरियाली भी बढ़ेगी।
हम प्रकृति को बचाएंगे, तभी वह भी हमें बचाएगी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब हम प्रकृति की रक्षा करेंगे, तभी प्रकृति भी हमारी रक्षा करेगी। भारत की संस्कृति में प्रकृति से कभी टकराव की स्थिति नहीं रही है। हमारे यहां वृक्ष से लेकर नदी, पहाड़, पशु-पक्षियों तक की पूजा की परंपरा है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत आयाेजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तालाबों के रखरखाव के लिए स्थानीय लोगों की समिति बनाई जाएगी।विकास का मतलब पर्यावरण का विनाश नहीं है। दोनों में सामंजस्य बैठाकर प्रकृति का संरक्षण व विकास को गति दी जा सकती है। बिहार कोरोना संक्रमण व बाढ़ दोनों से जूझ रहा है। प्रकृति में असंतुलन के लिए हम सब जिम्मेदार हैं।
638 करोड़ की 1093 जल संचयन और सिंचाई परियोजनाओं का काम पूरा : लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि राज्य में 638 करोड़ रुपए की 1093 जल संचयन और सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है। इसमें 708 पोखर, 366 आहर-पईन और 18 चेक डैम शामिल है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से 88930 हेक्टेयर जमीन पर नई सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है। साथ ही 5.90 लाख घन मीटर जल संचयन क्षमता भी बढ़ी है। कार्यक्रम में मंत्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव चंचल कुमार, ग्रामीण अरविंद कुमार चौधरी, आईपीआरडी सचिव अनुपम कुमार आदि मौजूद थे।
पहले मास्क तो लगाइए डीएम साहब: जल-जीवन-हरियाली अभियान में जिलाधिकारियों ने बारी-बारी से उनके यहां हुए काम जानकारी मुख्यमंत्री को दी। इसी दौरान औरंगाबाद के डीएम स्क्रीन पर आए। न डीएम और न ही उनकी बगल में बैठे प्रमुख ने मास्क लगाया था। मुख्यमंत्री ने इस पर टोका- डीएम साहब पहले मास्क लगाइए और बगल में बैठे व्यक्ति को भी इसके लिए बोलिए। इतना सुनना था कि दोनों ने तुरंत टेबल पर से उठाकर मास्क लगा लिया। फिर डीएम बोले- सर, अभी बोलना था, इसलिए मास्क हटा दिया था।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/cm-said-earth-can-meet-the-needs-but-not-the-greed-of-man-127606749.html
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