Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

अधिकतम तीन प्रतिशत ब्याज पर सहकारी बैंकों को धन उपलब्ध कराए सरकार

किसानों से धान खरीद के लिए सरकारी बैंकों को सरकार शून्य या अधिकतम 3 प्रतिशत ब्याज की दर से राशि उपलब्ध कराए। निधि उपलब्ध नहीं कराने के एवज में सरकार बैंकों को गारंटी दे। राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) पर विभिन्न बैंकों का चावल का बकाया 18 करोड़ से अधिक राशि उपलब्ध तुरंत दे। बिहार राज्य सहकारी बैक के अध्यक्ष रमेशचंद्र चौबे की अध्यक्षता 23 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्षों बैठक में यह निर्णय लिया गया।

कहा गया कि एसएफसी द्वारा चावल की राशि भुगतान में देरी से पैक्स को अतिरिक्त ब्याज देना पड़ता है। भुगतान में देरी के कारण अतिरिक्त ब्याज की राशि एसएफसी भुगतान करे। यह भी निर्णय लिया गया कि समस्या समाधान के बाद बैंक, पैक्स और किसान के हित में है। बैठक में बताया गया कि आरा सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक का बकाया 6 करोड़ और नालंदा सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक का बकाया 10 करोड़ है।

बैठक में वैशाली केंद्रीय सरकारी बैक अघ्यक्ष विशुनदेव राय, मुंगेर-जमुई केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष मिंटु देवी, मुजफ्फरपुर केंद्रीय सहकारी बैंक अध्यक्ष अमरनाथ पांडेय, आरा केंद्रीय सरकारी बैक अध्यक्ष सत्येंद्र नारायण सिंह, नालंदा केंद्रीय सहकारी बैंक अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, रोहीका केंद्रीय सहकारी बैंक के ब्रह्मानंद यादव, भागलपुर केंद्रीय सहकारी बैंक के देवेंद्र प्रसाद, मगध केंद्रीय सहकारी बैंक के उमेश वर्मा, कटिहार केंद्रीय सहकारी बैंक के शाहीन कलाम, दी बेतिया केंद्रीय सहकारी बैंक के भगवती प्रसाद, समस्तीपुर केंद्रीय सहकारी बैंक के विनोद कुमार राय, पूर्णिया केंद्रीय सहकारी बैंक के हीरा प्रसाद सिंह, गोपालगंज केंद्रीय सहकारी बैंक के महेश राय, सीतामढ़ी केंद्रीय सहकारी बैंक के मधुप्रिया और बेगूसराय केंद्रीय सहकारी बैंक के नागेंद्र प्रसाद सिंह मौजूद थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जिला अध्यक्षों संग बैठक करते सहकारी बैक के अध्यक्ष रमेशचंद्र चौबे।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/government-to-provide-funds-to-cooperative-banks-at-a-maximum-of-three-percent-interest-127960678.html

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ