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सड़क सुरक्षा सप्ताह के दुसरे दिन आज पवनसुत सर्वांगीण विकास केंद्र ने तारामंडल के समीप लोगों को किया जागरूक |

सड़क सुरक्षा सप्ताह के दुसरे दिन आज पवनसुत सर्वांगीण विकास केंद्र ने तारामंडल के समीप लोगों को किया जागरूक | 


आज पटना के तारामंडल के समीप सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से पवनसुत सर्वांगीण विकास केंद्र के द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह के दुसरे दिन लोगों को जागरूक करने का कार्य किया गया |आज इस कार्यक्रम के तहत पवनसुत सर्वांगीण विकास केंद्र के कार्यकर्ताओ ने वाहन चालकों को हेलमेट तथा सीटबेल्ट के उपयोग के महत्व के बारे में बताया तथा हेलमेट के उपयोग तथा सड़क सुरक्षा के प्ले कार्ड के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया | सड़क पर चलने वाले लोगों को जागरूकता के दौरान संस्था के महासचिव डॉ राकेश दत्त मिश्र ने बताया की वाहन चालकों के लिए निशुल्क भारत में गेयरचालित वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस पाने की पाने की उम्र 18 वर्ष तय की गई है। इसके साथ ही 50 सीसी के बिना गेयर वाले वाहनों के लिए यह उम्र 16 वर्ष है परन्तु, इसमें चालक के परिवार द्वारा अनुमति की आवश्यकता होती है। इसी तरह व्यवसायिक वाहन चलाने की उम्र 20 वर्ष तय की गई है। भले ही सरकार द्वारा लाइसेंस के लिए सही उम्र तय की गई हो पर कई लोग सरकारी अधिकारियों से साठगांठ करके और दलालों के माध्यम से कम उम्र में ही वाहन लाइसेंस प्राप्त कर लेते है। जिसके लिए वह अपने उम्र के फर्जी दस्तावेज प्रदान कर देते है, इस तरह के धांधली द्वारा ना सिर्फ वह अपने लिए खतरा उत्पन्न करते हैं बल्कि कि दूसरों के लिए भी काफी खतरा उत्पन्न कर देते है। इसे रोकने के लिए हम लोगों को ही जागरूक होना होगा हमारी संस्था सरकार से भी मांग कर रही है इसके लिए सरकार को सख्त निर्देश जारी करने चाहिए और लाइसेंस बिना वाहन चलाने वालों के खिलाफ एक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है और इसके साथ ही जिन लोगों को लाइसेंस जारी किये जाये उनकी पृष्ठभूमि जांच अवश्य की जानी चाहिए। इसके साथ ही माता पिता को भी उनके बच्चों को बिना लाइसेंस के गाड़ी ना चलाने की शिक्षा दी जानी चाहिए और लोगों का लाइसेंस तभी बनाना चाहिए जब वह ड्राइविंग टेस्ट पास कर ले क्योकि उनके द्वारा की गई गलती किसी की जान भी ले सकता है | संस्था की अध्यक्ष श्री मती सुनीता पाण्डेय ने लोगो को ध्यानपूर्वक गाड़ी चलाने की शिक्षा दी उन्हों ने लोगों को बताया की ध्यानपूर्वक गाड़ी ना चलाने के कई कारण है जैसे की गाड़ी चलाते वक्त फोन पर बात करना, गाड़ी चलाते वक्त मैसेज भेजना, साथियों से बात करना, तेज आवाज में गाने बजाना ऐसे कार्य है जो दुर्घटनाओं को बढ़ाते है। आपको यह बात याद रखनी चाहिए की आप सड़क पर अकेले नही है, सड़क पर आपके अलावा कई लोग और जीव-जन्तु है, जोकि आपकी जरा सी लापरवाही के वजह से दुर्घटनाओँ का शिकार हो सकते है क्योंकि मात्र कुछ सेकेंड की लापरवाही आपके लिए घातक सिद्ध हो सकती है। एक अनुमान के अनुसार गाड़ी चलाने के दौरान मैसेज भेजने से दुर्घटना की संभावना 28 गुना बढ़ जाती है। एक ध्यानपूर्वक वाहन ना चलाने वाला चालक अपने साथ-साथ दूसरों की जान भी खतरे में डाल देता है। इस प्रकार के चीजों को रोकने के लिए हमें ही फल करना होगा | इस तरह को दुर्घटनाओं को रोकने का सबसे अच्छा उपाय अपनी आदतों में परिवर्तन लाना है जैसे कि गाड़ी चलाते वक्त फोन पर बात या मैसेज ना करना आदि। इसके साथ ही आपको अपने आस-पास के क्षेत्रों के प्रति भी सजग रहना चाहिए। इसके अलावा प्रशासन द्वारा गाड़ी चलाते वक्त फोन पर बात करने या मैसेज करने वालों पर जुर्मान भी लगाया जाना चाहिए और यदि इसके बाद भी उनमें कोई सुधार ना होतो उन्हें कारावास की सजा के साथ दंडित करना चाहिए। इसके साथ ही ऐसा करने वाले व्यक्तियों को उनके परिवार के द्वारा भी सजग किया जाना चाहिए।आज इस कार्यक्रम में संस्था के सदस्य अमर , आदित्य कुमार, अभय कुमार, अमित कुमार, राजीव रंजन एवं संस्था के महासचिव डॉ राकेश दत्त मिश्र ने लोगों को जागरूक करने का कार्य किया एवं जरुरतमन्दो के बिच मास्क का वितरण किया |


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