बिहार में स्वास्थ्य-सुविधाओं के विकास हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार तत्पर हैं-राज्यपाल
‘‘बिहार में ‘कोविड-19’ से रिकवरी की दर राष्ट्रीय औसत 97.31 से भी ज्यादा 99.19 रही, जिसके लिए आप सभी चिकित्सकगण एवं आपके सहयोगी स्वास्थ्यकर्मीगण बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। मेरी अपील है कि कोविड टीकाकरण में भी बिहार राज्य सर्वश्रेष्ठ सिद्ध हो -इसके लिए आप सभी भरपूर प्रयास करें। मुझे खुशी है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा ‘कोविड-टीकाकरण’ का जो चरणबद्ध अभियान चलाया गया है, उसके प्रति लोगों की भरपूर आस्था जगी है, जन-जागृति आयी है। मुझे विश्वास है कि टीकाकरण एवं सुरक्षा के बताये गये उपचारों के जरिये हम इस महामारी पर शीघ्र ही विजय पाने में कामयाब होंगे।’’-उक्त उद््गार, महामहिम राज्यपाल श्री फागू चैहान ने ‘ग्लोबल अर्थोपेडिक फोरम सम्मेलन -2021’ का स्थानीय होटल मौर्या के सभागार में उद््घाटन करते हुए व्यक्त किये।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले साल पूरी दुनियाँ जब इस महामारी से बुरी तरह तबाह हो रही थी, तब भारत ने अपने लोकप्रिय माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में भारतीय चिकित्सकों के परामर्श का पूरी तरह पालन करते हुए दुनियाँ को यह बता दिया कि आज भी चिकित्सा क्षेत्र में हम किसी से कम नहीं हैं। आज भारत में तैयार की गई ‘कोविड-19’ की वैक्सिन से भारत ही नहीं पूरी दुनियाँ का कल्याण हो रहा है। अबतक की सूचना के मुताबिक भारत विश्व के 71 देशों को कोविड का वैक्सिन भेज रहा है। राज्यपाल ने ‘कोविड-19’ से निबटने में सहयोग के लिए सभी भारतीय चिकित्सकों और विशेषकर बिहार राज्य के सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्य-कर्मियों को उनकी अथक सेवाओं के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य-सुविधाओं के विकास हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार पूर्ण तत्पर हंै। ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ ने स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। इसके जरिये लाखों गरीबों की दुःसाध्य बीमारियों से जान बचाने में सफलता मिली है।
राज्यपाल श्री चैहान ने कहा कि बिहार मंे पी॰एम॰सी॰एच॰ को 5 हजार 540 करोड़ रूपये की लागत से 5 हजार 462 बेड वाले अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस अस्पताल एवं चिकित्सा महाविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना में भी बेडों की संख्या बढ़ाकर 2 हजार 732 की जा रही है। इस संस्थान में 100 बेड का अत्याधुनिक कैंसर चिकित्सा केन्द्र भी विकसित हो रहा है। टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुम्बई के सहयोग से श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर में भी कैंसर का विश्वस्तरीय इलाज केन्द्र विकसित किया जायेगा। पटना एम्स ने कोविड-19 के दौरान काफी बेहतर चिकित्सा-सुविधा उपलब्ध करायी है। दरभंगा में भी एम्स-स्थापना की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि वस्तुतः निजी क्षेत्र मंे भी निवेश के जरिये स्वास्थ्य-सुविधाओं के विकास की आवश्यकता है, ताकि किसी भी बिहारी को कठिन रोगों की चिकित्सा के लिए बाहर की दौड़ नहीं लगानी पड़े।
राज्यपाल ने कहा कि खान-पान की असावधानियों एवं कई बुरी लतों के कारण ‘कैल्सियम डिफिसियेन्सी’ से जुड़ी हड्डी की कई घातक बीमारियाँ आज लोगों को परेशान कर रही हैं। राज्य में आए दिन हो रही सड़क-दुर्घटनाओं आदि के कारण भी हड्डी-रोगों के इलाज की समुचित व्यवस्था आवश्यक हो गई है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में अर्थोपेडिक-चिकित्सा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गंभीरता से विचार होगा।
राज्यपाल ने सम्मेलन के उद््घाटन के क्रम में अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि हिन्दी भाषी क्षेत्र बिहार की राजधानी पटना जहाँ के सभी बुद्धिजीवी हिन्दी भाषा अच्छी तरह बोलते-समझते हैं, वहाँ विभिन्न सम्मेलनांे में हिन्दी का प्रयोग श्रेयस्कर होगा। उन्होंने कहा कि हिन्दी अगर हिन्दी भाषी क्षेत्रों में प्रतिष्ठित नहीं होगी तो फिर कहाँ होगी?
कार्यक्रम के उद््घाटन-सत्र में इंडियन अर्थोपेडिक एशोसियेशन के अध्यक्ष डाॅ॰ बी॰ शिवशंकर, मुख्य संरक्षक डाॅ॰ कैप्टन विजय शंकर सिंह, ‘रेस॰ काॅम’ के अध्यक्ष डाॅ॰ मनोज चैधरी तथा आयोजन सचिव डाॅ॰ अमूल्य कुमार सिंह आदि ने अपने विचारव्यक्त किये।
इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष डाॅ॰ अनिल कुमार तथा ग्लोबल अर्थोपेडिक फोरम के अध्यक्ष डाॅ॰ सरसिज नयनम सहित विभिन्न चिकित्सकगण आदि उपस्थित थे।
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