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कुंवर सिंह को अर्पण

कुंवर सिंह को अर्पण

        ---:भारतका एक ब्राह्मण.
          संजय कुमार मिश्र 'अणु'
वो थाम्हे घोड़े की बाग।
हृदय में राष्ट्र का अनुराग।१।
विदेशी हुकुमत के विरुद्ध।
लड़ने को चला जा रहा युद्ध।२।
हां अठारह सौ संतावन में।
लगी आग गुलाम वतन में।३।
अस्सी साल का बुड्ढा प्राणी।
आजाद देश करने को ठानी।४।
जगदीशपुर का वह वासी।
भाषा भोजपुरी देवभाषी।५।
गोरे लोगों को ललकारा था।
खोज-खोजकर मारा था।६।
आज भी खड़ी वो निशानी।
कुंवर सिंह अमर बलिदानी।७।
देकर गंगा को अपनी बांह।
देश धर्म का बताकर राह।८।
कहता है इतिहास हमारा।
कुंवर सिंह था रणबांकुरा।९।
करता श्रद्धा सुमन समर्पण।
बाबू कुंवर सिंह को अर्पण।१०।
          वलिदाद, अरवल (बिहार)
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