प्रार्थना
प्रार्थना- केवल एक शब्द ना
हृदय की है वंदना
चित्त की है साधना
मन की है आराधना
प्रार्थना है एक अवधारणा
उन्नति की है प्रेरणा
समय की है उच्छृंकलता
ईप्सित की है सिद्धता
प्रार्थना है एक एहसास सा
परिस्थितियों का एक ज्वार सा
संवेदनाओं का एक ठहराव सा
संशयों का एक बहाव सा
हे मन! ज़रा धीरज धरना
श्रद्धा से करना प्रार्थना
सर्वस्व की है कल्पना
पूर्ण होगी मनोकामना।
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