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देव गुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा?

श्री गणेशाय नमः।

देव गुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा?

 लेखक  - रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।

नमः शिवाय।

मैं आप सभी को और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं।

इस ब्रह्मांड के सबसे शुभ ग्रह देव गुरु बृहस्पति का महा परिवर्तन 5 अप्रैल 2021 की मध्य रात्रि में 12:25 पर हुआ है। अपनी नीच राशि मकर को छोड़कर बृहस्पति कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं। कुंभ राशि में बृहस्पति बलवान माने जाते हैं और उच्च राशि के अनुसार शुभ फल प्रदान करते हैं।

सबसे पहले देश पर इसका क्या असर पड़ेगा उस पर चर्चा करते हैं।

भारतवर्ष की जन्म कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है। भारतवर्ष पर इस समय वर्तमान में चंद्रमा की महादशा चल रही है और शनि की अंतर्दशा चल रही है। एक तो वैसे 2015 से 2025 के सितंबर महीने तक चंद्रमा की महादशा चलेगी। चंद्रमा विष योग, रोगेश के साथ और अस्त होकर देश के लिए अशुभ संकेत दे रहे हैं। उस पर राशि कुंडली से कर्क राशि से बृहस्पति का यह परिवर्तन अष्टम घर में हो रहा है। राशि से बृहस्पति रोग स्थान के स्वामी हैं और दुर्घटना के घर में बैठे हैं। रहस्यमय रोग से जनहानि धन हानि और दुर्घटना के योग बन रहे हैं। यह स्थिति 15 अप्रैल 2022 तक रहने वाली है। वैसे भी इस विक्रम संवत 2078 के राजा और मंत्री मंगल ग्रह होने के कारण इस वर्ष 2021- 22 ईसवी में काफी दुर्घटनाएं होंगी।अग्निकांड, रेल और सड़क दुर्घटनाएं ,बम विस्फोट ,भूकंप, भूस्खलन ,बादल का फटना ग्लेशियर पिघलना इन सब से जन धन की हानि होगी।

दुखद घटनाओं से सुरक्षा के लिए व्यक्ति को चाहिए कि मंगलवार के दिन श्री हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। श्री हनुमान जी के मंदिर में मंगलवार के दिन दर्शन पूजन करें ।प्रतिदिन तांबे के पात्र से जल में रोली और हल्दी मिलाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देवे।गुरुवार के दिन केले के पौधे में पीतल के लोटे में पीला फूल ,हल्दी, चने की दाल और गुड़ मिलाकर बृहस्पति का मंत्र-ओम ग्राम ग्रीम ग्रम सः गुरुवे नमः का जाप करते हुए अर्घ्य देवे तो बहुत राहत मिलेगी।

अब चर्चा करते हैं कि सभी 12 राशियों पर बृहस्पति के राशि परिवर्तन का क्या असर होगा।

मेष राशि- आपकी राशि से 11 में घर में लाभ स्थान पर संचरण कर रहे बृहस्पति के प्रभाव से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। प्रायः सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। मन प्रसन्न रहेगा। धन और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत होंगे। यदि अविवाहित हैं तो विवाह हो जाएगा। संतान की इच्छा रखने वालों की कामना पूरी होगी पुत्र प्राप्ति के योग बन रहे हैं। संतान की उन्नति और तरक्की होगी।जीवन साथी के साथ मधुर संबंध बनेंगे । नौकरी में पदोन्नति और व्यापार व्यवसाय में लाभ होगा। 14 सितंबर 2021 से 21 नवंबर 2021 तक का समय अनुकूल नहीं होगा सतर्क रहें।

वृष राशि - आपके लिए बृहस्पति का यह गोचर राशि से दशम घर में मिलाजुला प्रभाव देगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें खर्च की अधिकता रहेगी। आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर रहेगी।परिजनों रिश्तेदारों और मित्रों से मनमुटाव हो सकता है । झूठा आरोप ,कोर्ट कचहरी का मामला भी बन सकता है। बचत नहीं कर पाएंगे। धन की कमी का एहसास होगा। 14 सितंबर से 21 नवंबर तक का समय आपको लाभ और उन्नति देगा। पुनः 22 नवंबर 2021 से परेशानी बनी रहेगी।बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें गुरुवार को केले का दान करें । चने की दाल और गुड़ का दान भी करना चाहिए। केले के पौधे में गुरुवार को जल चढ़ाएं तो राहत मिलेगी।

मिथुन राशि- आपके लिए गोचर से बृहस्पति भाग्य स्थान पर संचरण कर रहे हैं। आपके लिए बहुत ही शुभ फल कारक होंगे बृहस्पति।आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । पुरानी बीमारी से छुटकारा मिलेगा । कोई बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य आपका पूरा हो जाएगा।घर में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे। संतान की उन्नति से मन प्रसन्न रहेगा। संतान की कामना यदि हो तो पूरी हो जाएगी।व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होगी। मान सम्मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नौकरी में लाभ होगा। पदोन्नति मिलेगी।कोई स्थिर लाभ भूमि, भवन का प्राप्त होगा। नया वाहन, नया घर मकान प्राप्त करने के योग भी बन रहे हैं। 14 सितंबर से 21 नवंबर तक का समय थोड़ा प्रतिकूल रहेगा सावधानी बरतें।

कर्क राशि - गोचर से आठवें घर में आए हुए बृहस्पति के कारण आपको थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखें। रोग व्याधि से बचें ।कोर्ट कचहरी मुकदमे से सावधान रहें।स्थान परिवर्तन हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें ।आपकी कठोर वाणी के कारण मित्र परिजन आपसे दूर हो सकते हैं। धन की कमी महसूस होगा। व्यापार व्यवसाय में घाटा होने के संकेत मिल रहे हैं। 14 सितंबर से 21 नवंबर तक थोड़ी राहत मिलेगी। वर्ष पर्यंत बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें गुरुवार को केले के पौधे में जल चढ़ाएं।

सिंह राशि- गोचर से सातवें घर में आए हुए बृहस्पति आपके लिए बहुत ही शुभ फल कारक होंगे।आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। पुराने रोग और परेशानियों से छुटकारा मिलेगा ।घर में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे।नौकरी और व्यापार व्यवसाय में उन्नति होगी। आपके व्यवहार और वाणी में निखार आ जाएगा। मित्र और परिजनों से विशेष सहयोग मिलेगा।14 सितंबर से 21 नवंबर तक का समय अच्छा नहीं है ।सतर्कता बरतें।

कन्या राशि- गोचर से छठे घर में विराजमान बृहस्पति के कारण आपका मन बड़ा उदास रहेगा।नकारात्मक विचार पैदा होंगे ।कर्ज की स्थिति बनेगी ।मानसिक अशांति रहेगी। हमेशा दुविधा बनी रहेगी ।माता और पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता रहेगी।घरेलू विवाद भूमि भवन और वाहन संबंधी परेशानियां रहेंगी। धन की कमी होगी। घर परिवार से दूर जाना पड़ सकता है।गुरुवार को केले के पौधे में जल अर्पित करें ।गुरुवार को केले का दान करें और बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें।14 सितंबर से 21 नवंबर के बीच थोड़ा लाभ अवश्य होगा ।कुछ महत्वपूर्ण कार्य भी पूरे होंगे।

तुला राशि -  गोचर से त्रिकोण में पांचवें घर में बृहस्पति संचरण कर रहे हैं। आपके लिए सर्वाधिक शुभ फल कारक होंगे देव गुरु बृहस्पति। आपके जीवन में भौतिक सुख-सुविधा के साधनों में जबरदस्त वृद्धि होगी। नया घर, मकान ,भूमि, भवन प्राप्त होंगे। नया वाहन भी प्राप्त होगा। चारों तरफ से लाभ ही लाभ, खुशियां ही खुशियां मिलेंगी। समाज में सभी का विशेष सहयोग आपको मिलेगा। आपकी ख्याति बढ़ेगी। स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। मान सम्मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी । पुराने कष्टों से रोग व्याधियों से छुटकारा मिलेगा। किसी विशेष कार्य को करने के कारण आपको देश विदेश में विशेष प्रसिद्ध ही मिलेगी। सुखद यात्राएं होंगी। संतान की उन्नति और तरक्की से आपका मन प्रसन्न हो जाएगा। आपके व्यक्तित्व और वाणी में निखार आ जाएगा।घर में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे जीवनसाथी और संतान से भरपूर सुख मिलेगा । प्रेम संबंधों में भी प्रगाढ़ता आएगी।

वृश्चिक राशि- आपकी राशि से चौथे घर में बृहस्पति का यह गोचर कई प्रकार की परेशानियां पैदा करेगा।मन में अशांति रहेगी। किसी भी कार्य में मन नहीं लगेगा। मान सम्मान और पद प्रतिष्ठा में कमी का अनुभव होगा। आप के अथक प्रयास और परिश्रम को सराहना नहीं मिलेगी। आप चाहे कितना भी अच्छा कार्य करें लोग उसमें से कुछ ना कुछ कमियां निकाल कर आप को अपमानित कर ही देंगे। नौकरी, व्यापार और व्यवसाय भी बहुत अच्छा नहीं चलेगा। बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें। गुरुवार का व्रत करना भी लाभकारी रहेगा। श्री साईं बाबा की और अपने गुरुओं की पूजा करना भी आपके लिए शुभ रहेगा।

धनु राशि- आपकी राशि से तीसरे घर में बृहस्पति का गोचर बहुत अच्छा नहीं है। सभी कार्यों में बाधा आती रहेगी । क्रोध बढा रहेगा । वाद-विवाद प्रायः सभी के साथ होता रहेगा। शारीरिक कष्ट भी बना रहेगा। मित्र, परिजनों से पारिवारिक रिश्तेदारों से लड़ाई, झगड़ा ,बहस और कलह होता रहेगा। अपनी वाणी और अपने उग्र स्वाभाव पर नियंत्रण रखें।14 सितंबर से 21 नवंबर के बीच कुछ शुभ फल भी प्राप्त होंगे। स्वास्थ्य में सुधार हो जाएगा। घर में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे। धन का लाभ होगा ।चल अचल संपत्ति का लाभ भी मिलेगा। शत्रु बाधा शांत होगी।गुरुवार के दिन केले के पौधे में जल चढ़ाएं और बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें। संभव हो तो गुरुवार का व्रत रखें।

मकर राशि- आपकी राशि से गोचर में द्वितीय भाव में बृहस्पति का संचरण आपको बहुत लाभ देने वाला है। काफी समय से रुके पड़े अधूरे कार्य आपके पूरे होंगे। धन का लाभ होगा। घर में मांगलिक कार्य होंगे ।भूमि, भवन वाहन का विशेष सुख मिलेगा। चल अचल संपत्ति का लाभ होगा। समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नौकरी ,रोजगार, व्यापार, व्यवसाय में विशेष लाभ होगा। शत्रु बाधा शांत होगी। कर्ज से छुटकारा मिलेगा। बहुत ही शानदार समय बीतेगा। शुभ समय का सदुपयोग करें।14 सितंबर से 21 नवंबर के बीच व्यर्थ के लड़ाई झगड़े और अभिमान करने से बचें।

कुंभ राशि - आपकी राशि पर ही बृहस्पति का यह गोचर मिलाजुला फल देगा। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें ।कोई भी निर्णय बहुत सोच समझ कर देना उचित होगा। वाद-विवाद से बचें। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। जीवन साथी और संतान से सुख मिलेगा।यदि अविवाहित हैं तो विवाह हो जाएगा। संतान की कामना पूरी होगी ।अचानक धन लाभ के योग भी हैं। लंबी दूरी की यात्राएं होंगी। घर में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे। बृहस्पति की शुभता के लिए प्रत्येक गुरुवार को पीली चीजों का दान करें और प्रतिदिन बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें।

मीन राशि- आपकी राशि से बारहवें भाव में बृहस्पति का गोचर परेशानियां पैदा करेगा। खर्च की अधिकता रहेगी ।व्यर्थ की यात्राएं होंगी। स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहेगा। प्रायः प्रत्येक कार्य में बाधा और रुकावट बनी रहेगी। नौकरी, रोजगार ,कार्य व्यवसाय में परेशानियां बनी रहेंगी। कोई अपयश  या कलंक भी आपको लग सकता है। अचानक कोर्ट कचहरी का कोई मामला बन सकता है। घर के किसी बड़े बुजुर्ग को स्वास्थ्य संबंधी कष्ट हो सकता है। शुभ फल प्राप्ति के लिए पूरे वर्ष भर गुरुवार का व्रत रखें । मांस मदिरा के सेवन से बचें । बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें पीले रंगों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। 14 सितंबर से 21 नवंबर के बीच कुछ शुभ फलों की प्राप्ति भी होगी कुछ अधूरे कार्य पूर्ण भी होंगे।

 

       इति शुभमस्तु।
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