वक़्त के थपेड़े ----
वक़्त के थपेड़े जो लोग सहा करते हैं,
गर्दिश के दिनों में साहस से चला करते हैं,
बदलता है वक़्त, बनते हैं वो शहंशाह,
रहते फलक पर, जमीं पर चला करते हैं।
वक़्त के थपेड़े, हमको यह सिखाते हैं,
दुःख में जो काम आये, मित्र हुआ करते हैं।
वक़्त के थपेड़े, इंसान को बदलते हैं,
जिस्म मोम का, दिल पत्थर हुआ करते हैं।
वक़्त के थपेड़ों ने “कीर्ति, इस तरह बदला,
जिस्म पत्थर का बना, दिल मोम बन पिघला।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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