Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

पुनीत कामना

पुनीत कामना

झुक गया है आसमान
इस बड़ी जमीन पर,
लुट गई है भ्रष्ट नीति
वोट की मशीन पर।
दिख नहीं रहा कहीं भी
कथित आम आदमी,
कह नहीं रहा कभी भी
लोकपाल लाजमी।
एक वृद्ध देश का
दिखा गया जो रास्ता,
दूर तक नहीं रहा
कहीं भी उससे वास्ता।
छल की राजनीति डूबी
गंगा जी की धार में,
लग गई है तेज आग
आज दुष्प्रचार में।
छद्म वेशधारियों
समाजवाद जान लो,
देश के विकास का
सरल सा सूत्र मान लो।
जातिवाद वंशवाद
देश का कलंक है,
जन विकास मन विकास
देश यह अखंड है।
राष्ट्र की पवित्र भक्ति
से विहान आयेगा,
भारती का जीत गीत
फिर विदेश गायेगा।
सभी सुखी सभी निरोग
है ये पुण्य भावना,
स्वार्थ की बलि चढ़े
यही पुनीत कामना।
रजनीकांत।
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ