अतिशय लोकप्रिय पत्रिका दिव्यरश्मि का स्थापना-दिवस
" दिव्यरश्मि " आज देश के कोने-कोने में अपने दिव्य प्रकाश से जन-जन को आलोकित कर रही । होनहार बिरवान के होत चिकने पात ( morning shows the day ) कहावत को चरितार्थ करती यह पत्रिका अपने प्रारंभ काल से आजतक मानक पत्रकारिता का उदाहरण पेश करती आ रही है , तभी तो बहुसंख्यक जन का समर्थन इसे मिल रहा है । इसका कारण है निष्पक्ष पत्रकारिता , तिस पर संपादक-मंडल की निर्भीकता और दक्षता ने इसमें चार चाँद लगाये हैं । बहुआयामी लेखन ने पाठकों के दिल को आहिस्ते से छुआ है ।
( सर्वे स्वामित्वे प्रतिष्ठितः ) जैसा मुखिया वैसी परणति । संपादक डा. राकेशदत्त मिश्र जी का अध्यवसाय , समर्पण , लगन कर्मठता , क्षमता , दक्षता का परिणाम है कि पत्रिका दिन दूनी रात चौगुनी विस्तृति पाती रही है ।
इसके न्यूज पोर्टल का कमाल है कि हर समुदाय और हर स्तर के रचनाकार अपनी रचनाओं से इसे सुशोभित करते आ रहे । कई अति कृतज्ञ रचनकारों को सँवारने का अवसर इन पंक्तियों के लेखक को भी इसी पटल पर मिला है। " दिव्यरश्मि " के गगनचुंबी उत्थान के लिए , वह भी अल्पावधि में , मैं सहर्ष वर्धापन करता हूँ ।
शुभकामना सहित ,
राधामोहन मिश्र माधव
कवि , साहित्यिकार , पत्रकार
28 .5 2021दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
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