एलोपैथिक की कुछ विवशताएं
आक्सीजन का खेल था, झूठा हो गया।
कर रहे थे कोरोना का, स्टरोइड से इलाज,
फंगस का दौर चला, सब झूठा हो गया।
हैं नहीं मालूम इन्हें, कारण क्या रोग के,
कोरोना का इलाज टी बी, झूठा हो गया।
इम्यूनिटी बढ़ाओ, विटामिन खा खाकर,
फंगस बढ़ा कहने लगे, ये भी झूठा हो गया।
जड कहां है रोग की, इनको नहीं मालूम है,
जांच पर निर्भर रहें, सब कुछ झूठा हो गया।
जांच का भी खेल, कमीशन पर आधारित है,
जांच के आगे ज्ञान, अब तो झूठा हो गया।
लोग के निवारण की बात, अर्थ से होने लगी,
अस्पताल बड़ा हुआ, इलाज झूठा हो गया।
रोग से पहले जब से, जेब देखी जाने लगी,
बिल तो बढ़ता गया, बस मरीज झूठा हो गया।
भर्ती हुए थे अस्पताल में, कोरोना की वजह,
जांच बढ़ती जेब घटती, जीना मुश्किल हो गया।
आक्सीजन- वैंटिलेटर, प्लाज्मा भी दे दिया,
जेब जब खाली हुई, आर्गन ही झूठा हो गया।
अ कीर्ति वर्द्धन
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