ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तद्नुसार रविवार दिनांक 20 - 06 - 2021 को गंगा दशहरा के शुभ दिवस पर गूगल मीट का आयोजन किया गया ।
झारखण्ड ब्यूरो श्रीनिवास सिंह से प्राप्त खबर
गूगल मीट में जानकारी देते हुए गंगा महासभा बिहार-झारखंड के उपाध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को ही मां गंगा का इस धरा पर आगमन हुआ था ।
पोद्दार ने कहा कि सूर्यवंशी राजा दिलीप के पुत्र भागीरथ अपने पूर्वजों के जो कपिल मुनि के शाप से भस्म हो गए थे उनका उद्धार करने हेतु गंगा जी को धरती पर लाना चाहते थे ।
कहा कि भगवान राम के पूर्वज इक्ष्वाकु वंशी राजा भागीरथ के प्रयासों से ही गंगा जी स्वर्ग से धरती पर आई थी ।
शिव जी की जटाओं से निकलकर गंगा हिमालय की पहाड़ियों से टकराती मैदान की ओर बढ़ चली । इस प्रकार मां गंगा इस धरा पर राजा भगीरथ के द्वारा लाई गयी ।
श्री पोद्दार ने कहा कि आज आवश्यकता है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में जो मुख्य नदियां हैं उनका संरक्षण अवश्य किया जाए ।
इसी प्रकार झारखंड की मुख्य स्वर्णरेखा नदी को बचाए जाने की आवश्यकता है ।
बताया कि इस बारे में गंगा महासभा बिहार-झारखंड की ओर से एक पत्र माननीय उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम , जमशेदपुर को सौंपा गया है ।
बताया कि उपायुक्त महोदय को जानकारी दी गई है कि नदी के जल पर जितना अधिकार मनुष्य जाति का है , उतना ही अधिकार अन्य जीव-जंतुओं का भी है ।
स्थानीय बड़ी कंपनी के द्वारा जल का दोहन नदी से किया जाता है और इतनी अधिक मात्रा में किया जाता है कि नदी के जल को एक बांध बनाकर रोकने का काम किया गया है ।
जल को आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है ।
जिस जगह पर वास्तविक जल नहीं पहुंच रहा है , वहां के आगे टाटा कम्पनी के द्वारा केमिकल युक्त लाल , काले व गन्दे पानी को नदी में छोड़ने का काम हो रहा है ।
इस प्रकार आगे के स्थानों के निवासियों एवं पशु पक्षियों सभी को महान दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
श्री पोद्दार ने उक्त पत्र में माननीय उपायुक्त महोदय से मांग की है कि कंपनी को निर्देश दिया जाए कि एस टी पी प्लांट लगाकर शोधित जल को ही नदी में प्रवाहित करें ।
गंदे जल को नदी में नहीं डाला जाए और यह भी व्यवस्था की जाए की नदी के जल को कोई भी रोकने का काम नहीं करें ।
कम से कम 50% जल नदी में अवश्य प्रवाहित होता रहे ।
इस गूगल मीटिंग में गंगा जी को लेकर भी वार्ता हुई जिसमें साहिबगंज , राजमहल , बेगूसराय व भागलपुर इन स्थानों की स्थिति पर बातचीत हुई और शीघ्र ही वहां कमेटियों का गठन कर जोरदार आवाज उठा कर प्रशासन व सरकार से गंगा जी में जहां भी गंदे नाले गिराए जा रहे हैं , वहां रोक लगाने की मांग की जाएगी ।
गूगल मीट में उपस्थित सभी लोगों ने इसमें अपनी सहमति जताई और इस मांग को सराहा गया ।
इस गूगल मीट में स्वर्णरेखा के प्रति आस्था रखने वाले अनेक लोगों ने भाग लिया जिसमें श्री पोद्दार के अलावे राजेंद्र कुमार अग्रवाल , लाभेश जैन , संदीप कुमार , वासुदेव पंडित , बिदेह नंदनी चौधरी , सुरेश चंद्र झा , डॉ प्रतिभा गर्ग , लक्ष्मी सिंह , सतीश चंद्र बरनवाल , नीलेश मुरारका , अरविंदर कौर , प्रकाश मेहता , दीप शेखर सिंहल , कृष्णा कुमार साहा , अनुसूया अग्रवाल , आशुतोष गोयल , चंद्रमोहन पोद्दार , लाभेश जैन , लक्ष्मी सिंह , बासुदेव पंडित , पीयूष कुमार झा , डॉ बालकृष्ण प्रसाद आदि के नाम मुख्य रूप से सम्मिलित है ।
यह जानकारी गंगा महासभा बिहार-झारखंड के द्वारा जारी की गई एक विज्ञप्ति के माध्यम से दी गयी है ।
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