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कल लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें सूर्य के अस्त होने के पहले कहां-कहां दिखेगा?

कल लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें सूर्य के अस्त होने के पहले कहां-कहां दिखेगा?

मार्कण्डेय शारदेय
साल का पहला सूर्य ग्रहण कल 10 जून को दिखेगा। नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और एशिया में इस ग्रहण को साफ-साफ देखा जा सकेगा। भारत में यह ग्रहण सूर्यास्त के पहले लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में आंशिक तौर पर ही दिखेगा। असली रिंग ऑफ फॉयर का नजारा तो विदेशों में देखा जा सकेगा। देवी प्रसाद दुरई, एमपी बिरला प्लेनटेरियम के डायरेक्टर ने बताया कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में यह केवल सूर्यास्त के पहले ही देखा जा सकेगा।
ज्योतिषाचार्य श्री मार्कण्डेय शारदेय ने बतायाकि कल दिनांक10.06.2021 (गुरुवार) को जेठी अमावस्या के साथ ही वटसावित्री-पूजा एवं शनिजयन्ती भी है।इस दिन सूर्यग्रहण भी है।परन्तु यह ग्रहण हमारे देश में नहीं है।इस कारण पूजा-पाठ एवं दैनिक कृत्य यथावत् चलेंगे। 
ज्योतिषियों की मानें तो यह ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए इसका कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसलिए इस ग्रहण के कारण पूजा पाठ, दान पुण्य पर कोई रोक नहीं होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल के पहले सूर्यग्रहण के दिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या, शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी है। सूर्यग्रहण के दिन धृति और शूल योग भी बनेगा।वर्ष 2021 का पहला सूर्य ग्रहण इसी माह लगने वाला है, खास बात यह है कि इसी दिन सूर्य देव के पुत्र माने जाने वाले शनि देव का जन्मोत्सव भी है, ऐसे में ग्रहण के दिन सूर्य के साथ ही शनि देव का भी असर आम जनजीवन पर पड़ेगा, यह ग्रहण 10 जून को दोपहर 1.42 मिनिट से शुरू होकर शाम 6.41 मिनिट तक रहेगा। ग्रहण का अलग-अलग राशि के लोगों पर प्रभाव भी अलग-अलग पड़ेगा।
ज्‍येष्‍ठ की अमावस्‍या को हुआ था शनिदेव का जन्‍म
सूर्य पुत्र शनिदेव का जन्मोत्सव ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शनि देव की पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलता है। शनि देव का असर मनुष्‍य के जीवन पर काफी गहरा होता है। इसलिए इनकी पूजा-अर्चना में विशेष सतर्कता की जरूरत होती है। यह ग्रहण वलय अर्थात् रिंग के आकार में दिखेगा यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका के अलावा कुछ अन्‍य देशों में भी दिखेगा।

भारत में नहीं लगेगा ग्रहण का सूतक

ज्‍योतिष आचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि यह सूर्यग्रहण हमारे देश में दृश्‍य नहीं होगा। ग्रहण से जुड़े विधान के अनुसार सूतक वहीं लगता है, जहां ग्रहण दृश्‍य होता है। भारत में दृश्‍यता नहीं होने के कारण इसका सूतक भी नहीं लगेगा। सूतक वह समय है, जब शुभ कार्यों के अलावा पूजा-अर्चना, खाना-पीना आदि वर्जित रहता है। इस अवधि में व्रत रहकर भगवान के नाम का जाप शुभ फलदायी माना गया है।
वृष राशि वालों का सतर्क रहने की जरूरतइस ग्रहण के कारण वृष राशि वाले लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य में दिक्‍कत, धन की हानि, बेकार का खर्च होने जैसे प्रभाव दिख सकते हैं। वृश्चिक राशि वाले लोगों के लिए ग्रहण शुभ रहेगा। उनके लिए नई संभावनाओं के अवसर बनेंगे। मीन राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण सकारात्‍मक प्रभाव पैदा करेगा। शनि देव के नकारात्‍मक असर से बचने के लिए भगवान हनुमान की पूजा करनी चाहिए।
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