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नये शोध व प्रयोगों के प्रति सजगता और मानवतावादी दृष्टिकोण के विकास हेतु विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें शिक्षक -राज्यपाल

नये शोध व प्रयोगों के प्रति सजगता और मानवतावादी दृष्टिकोण के विकास हेतु विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें शिक्षक -राज्यपाल

‘‘शिक्षकगण पूरी निष्ठा और ईमानदारी से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन और सहयोग करें ताकि उनमें नवीन शोध एवं प्रयोगों के प्रति सजगता और तत्परता के साथ-साथ मानवतावादी दृृष्टिकोण का विकास हो सके।’’ -यह बातें महामहिम राज्यपाल श्री फागू चैहान ने अनुग्रह नारायण महाविद्यालय, पटना के 65वें स्थापना दिवस-सह-बिहार विभूति स्व॰ डाॅ॰ अनुग्रह नारायण सिंह की 134वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही।
राज्यपाल ने कहा कि षिक्षकों की कमी को दूर करने एवं षिक्षण संस्थाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर की आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए सरकार जागरूक एवं प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अनुग्रह नारायण महाविद्यालय, पटना में पिछले शैक्षिक सत्र से शुरू किया गया आॅनलाईन षिक्षण का कार्य भी सुचारू रूप से जारी है तथा यह महाविद्यालय अपने उच्च मानदण्डों के पोषण और संवर्द्धन हेतु पूरी तरह सचेष्ट और जागरूक है।
राज्यपाल ने कहा कि सौम्य, परोपकारी, अहंकाररहित और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व वाले
अनुग्रह बाबू एक महान स्वतंत्रता सेनानी तथा लोकप्रिय राजनेता थे, जिन्होंने छात्र जीवन से लेकर जीवन के अंतिम दिनों तक राष्ट्र और समाज की सेवा की। आधुनिक बिहार के निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान है। वित्त, राजस्व, श्रम, लोक-निर्माण तथा स्थानीय स्वषासन आदि विभागों के मंत्री के रूप में उन्होंने कुशलतापूर्वक कार्य किया था। उन्होंने बाढ़, सुखाड़ आदि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सिंचाई और विद्युत क्षेत्र का विस्तार कराया था जिसके सुखद परिणाम मिले थे। उन्होंने कराधान, सामाजिक न्याय, कृषि, पशुपालन आदि विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया। बिहार के शासन-सूत्र को भली-भाँति सम्भालते हुए राष्ट्र की आर्थिक योजनाओं के विनियमन में एक अच्छे परामर्षी के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
राज्यपाल ने अनुग्रह बाबू के बताये मार्गों पर चलने और बिहार राज्य को शैक्षिक रूप से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने हेतु अपना सर्वोत्तम योगदान देने की अपील की।
राज्यपाल ने महाविद्यालय की पत्रिका ‘अनुग्रह ज्योति, 2021‘ का लोकार्पण भी किया।
कार्यक्रम को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ एस॰ पी॰ सिंह ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण प्रधानाचार्य प्रो॰ एस॰ पी॰ शाही तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ॰ अरूण कुमार ने किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की पत्रिका ‘अनुग्रह ज्योति, 2021’ की संपादक डाॅ॰ रत्ना अमृत भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन प्रो॰ कलानाथ मिश्र ने किया।
कार्यक्रम का आयोजन वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री राॅबर्ट एल॰ चोंग्थू भी उपस्थित थे। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

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