बड़ा हीं सुंदर मेरा तरवाँ गाँव
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सबसे सुंदर,सबसे प्यारा,
मेरा गाँव, घर, परिवार,,
जिसपर है ईश्वर की कृपा,
मिलता जहाँ का प्यार।
सबसे सुंदर ...।
बिहार राज्य के गया जिला में,
अपना भी एक घर संसार,
जहाँ मेरा जन्म हुआ था,
बीते थे बचपन के दिन चार।
सबसे सुंदर...।
घाघरा नदी के तट पर बसा,
बड़ा हीं सुंदर मेरा तरवाँ गाँव,
बड़ी सुंदर सड़कें यहाँ की,
सुंदर पीपल,बरगद की छाँव।
सबसे सुंदर...।
स्कूल,डाकघर,अस्पताल यहाँ पर,
बड़ा यहाँ का हाट, बाजार,
दूरदराज से लोग यहाँ आकर,
करते यहाँ खरीदारी, व्यापार।
सबसे सुंदर...।
पक्की ईंट,कर्कट से बना,
मेरा अपना सुंदर घर- द्वार,
यहीं बसती गोविंद लाल की आत्मा,
रहता उनके बेटा का परिवार।
बड़ा सुंदर...।
मेरे घर से सटे रहते माली व लोहार,
पास पड़ोस कोइरी,कुर्मीबसते,
रहते हैं मेरे घर के कोने पर,
धोबी,बढई,रजवार, कहार।
बड़ी सुंदर...।
बड़ा हीं सुंदर मेरा अपना गाँव है,
सुंदर यहाँ की सभ्यता संस्कार,
सभी लोग यहाँ हिल मिल रहते,
रखते हैं जन जन से सरोकार।
बड़ी सुंदर...।
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अरविन्द अकेला
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