Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

वकील के चैंबर से चल रहा था धर्मांतरण ट्रस्ट, बीसीडी ने किया लाइसेंस निलंबित

वकील के चैंबर से चल रहा था धर्मांतरण ट्रस्ट, बीसीडी ने किया लाइसेंस निलंबित

हमारे संवाददाता लक्ष्मण पाण्डेय की खबर 
दिल्ली बार काउंसिल (Delhi Bar Council) ने कड़कड़डूमा कोर्ट के एक वकील के खिलाफ कर्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. वकील पर आरोप है कि उसने अपने चैंबर (Chamber) का इस्तेमाल धर्मांतरण (Conversion) और निकाह (Nikaah) के लिए किया.

दिल्ली बार काउंसिल (Delhi Bar Council) ने कड़कड़डूमा कोर्ट के एक वकील के खिलाफ कर्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. वकील पर आरोप है कि उस वकील के चैंबर से चल रहा था धर्मांतरण ट्रस्ट, बीसीडी ने किया लाइसेंस निलंबित

वकीलों की संस्था ने प्रथमदृष्ट्या माना कि अदालत परिसर का इस्तेमाल किसी वकील द्वारा निकाह कराने या शादी कराने में नहीं किया जा सकता है और इसने विशेष अनुशासन समिति का गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ताकि पूरे मामले की तुरंत जांच की जाए और संस्थान की गरिमा एवं विश्वसनीयता को बचाया जा सके.

जिला न्यायाधीश (प्रभारी) कड़कड़डूमा अदालत से आग्रह किया गया है कि चैंबर आवंटन रद्द कर दें और फिलहाल इसे सील कर दें ताकि अवैध गतिविधियां तुरंत बंद की जा सकें. लड़की के पिता द्वारा मलिक के खिलाफ शिकायत करने के बाद यह कार्रवाई की गई. काउंसिल ने कहा कि निकाहनामा में दिखाया गया है कि निकाह का स्थल मलिक का चैंबर है जिसका मजारवाली मस्जिद के तौर पर जिक्र है और वहां से धर्मांतरण ट्रस्ट का संचालन किया जा रहा था.

काउंसिल ने कहा कि शिकायतकर्ता ने कड़कड़डूमा अदालत से पुष्टि की है और उक्त वकील द्वारा निकाह के लिए अपने चैंबर से असामाजिक एवं अवैध गतिविधियां चलाए जाने के आरोप लगाए हैं. यह भी पता चला है कि वकील अपने चैंबर से धर्मांतरण ट्रस्ट का संचालन कर रहे थे. इसने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को जबरन मुस्लिम बनाया गया और उनके चैंबर से शादी कराई गई, जिसे मस्जिद के तौर पर दिखाया गया है. इस संबंध में एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है.

काउंसिल ने मलिक को निर्देश दिया है कि वह नोटिस मिलने के सात दिनों के अंदर विशेष अनुशासन समिति के समक्ष अपना जवाब दाखिल करें और 16 जुलाई को उसके समक्ष पेश हों. इसने स्पष्ट किया कि अगर वह पेश नहीं होते हैं तो समिति उनका पक्ष सुने बगैर इसका निर्णय करेगी और उचित कार्रवाई की जाएगी.

दिल्ली बार काउंसिल(बीसीडी) ने अपने एक वकील का लाइसेंस सस्पेंड करते हुए उसे कारण बताओ नोटिस भेजा है। वकील पर आरोप है कि वह कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में आवंटित अपने चेंबर का इस्तेमाल धर्मांतरण और निकाह आदि कराने जैसी गतिविधियों के लिए कर रहा था। हालांकि, वकील इकबाल मलिक ने आरोपों का खंडन किया है।

बीसीडी सचिव पीयूष गुप्ता ने वकील इकबाल मलिक का नामांकन निलंबित करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया कि डीबीए को पटपड़गंज निवासी सोहन सिंह तोमर नाम के एक व्यक्ति से शिकायत मिली, जिसमें आरोप लगाया गया कि आपके (इकबाल मलिक) चेंबर का इस्तेमाल समाज-विरोधी और अवैध गतिविधियों के लिए हो रहा है। यहां तक कि आपके चेंबर में धर्म परिवर्तन और मुस्लिम विवाह(निकाह) कराया जा रहा है।


बीसीडी ने कहा कि शिकायत में लगाए गए आरोपों और दस्तावेजों को देखते हुए पहली नजर में किसी वकील या अन्य व्यक्ति को कोर्ट परिसर या चेंबर में निकाह कराने जैसी गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जा सकती है, इसीलिए उसकी ओर से मामले में कार्रवाई बनती है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए और संस्थान की गरिमा और विश्वसनीयता बनाए रखने के वास्ते मामले में गहराई से जांच के लिए बीसीडी चेयरमेन रमेश गुप्ता ने तीन सदस्यों वाली एक विशेष अनुशासनात्मक समिति का गठन किया।

लड़की के पिता ने की शिकायत हुई कार्रवाई


शिकायतकर्ता ने बीसीडी से शिकायत करते हुए अपनी बेटी से जुड़ा एक निकाहनामा(मेरिज सर्टिफिकेट) भी पेश किया, जो इसी साल 3 जून का बताया गया। नोटिस के मुताबिक, इसमें निकाह कराए जाने के स्थान के तौर पर F-322, कड़कड़डूमा, तीसरी मंजिल, मजारवाली मस्जिद लिखा है। पता इकबाल मलिक के चेंबर का है और इसे 'मजारवाली मस्जिद' के तौर पर पेश किए जाने के आरोप को वकील निकाय ने गंभीर माना। शिकायत के बारे में कहा गया कि इसमें में यह भी आरोप लगाया गया कि मलिक के चेंबर से एक कंवर्जन ट्रस्ट चलाया जा रहा है। काजी के तौर पर मोहम्मद अकबर देहलवी, F-73, कड़कड़डूमा कोर्ट लिखा है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी का जबरन यहां धर्म परिवर्तन और फिर निकाह कराया गया, जिसे एक मस्जिद के तौर पर दिखाया गया है।

जांच जारी रहने तक लाइसेंस निलंबित रहेगा

उन्होंने फैसला लिया कि जब तक समिति अपनी जांच रिपोर्ट नहीं दे देती, तब तक इस वकील का लाइसेंस सस्पेंड रहेगा। उसे कारण बताओ नोटिस मिलते ही सात दिनों के भीतर उसका जवाब देने और 16 जुलाई को शाम चार बजे समिति के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया। ऐसा न होने पर एक पक्षीय कार्यवाही के आधार पर आगे की कार्रवाई की चेतावनी दी। बीसीडी ने संबंधित कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज, संबंधित जिले के डीसीपी से अनुरोध किया कि वे जांच में समिति की मदद करें। डिस्ट्रिक्ट जज से मलिक के चेंबर का आवंटन रद्द कर उसे सील करने का अनुरोध भी किया गया। समिति को को तीन महीनों के भीतर पूरे मामले और उससे जुड़े तथ्यों की जांच कर अपनी रिपोर्ट देनी है।

दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ