नहीं किसी का दिल तोड़ो
अगर चाहते सबका हित तो मायावी बनना छोड़ो
यदि चाहते अपना हित तो परनिंदा करना छोड़ो।
सभी चले हैं लक्ष्य साधने, पथ में बाधा भारी है,
एक दूसरे की बुराई की उर्वर भूमि नहीं गोड़ो।
अंतस में हम जुड़े हुए हैं, कुछ तो स्नेहधार बरसे,
बना सको तो बिगड़ी बात बनाने में ना मुख मोड़ो।
यों ही रहते आए खंडित, और न कोई खंडन हो,
चलने दो निज लय पर ही,और नहीं ये घर फोड़ो ।
रगड़े-झगड़े व्यर्थ हैं सारे, वृथा करो न कोई ऊर्जा,
पत्थर हैं तो घर बन जाए, एक-एक उनको जोड़ो।
सुमन सदृश खिलने दो उनको नहीं लगें क्रूर झोंकें,
कुछ भी तो देना प्यारे, नहीं किसी का दिल तोड़ो।
राधामोहन मिश्र माधव
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com