औरंगाबाद में मनाया गया मुंशी प्रेमचंद की जयंती
अपनी कथा कहानियों के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद ने सामजिक कुरीतियों व विकृतियों को उजागर किया: प्रभात वर्मा
औरंगाबाद,मुंशी प्रेमचंद ने अपने जीवन के विषम परिस्थितियों में जिस तरह तत्कालीन समय के कुरीतियों व विकृतियों को अपनी कथा कहानियों के माध्यम से पेश किया वह काबिलेतारीफ है। मुंशी प्रेमचंद का सम्पुर्ण जीवन अभाव ग्रस्त एवं मार्मिक रहा फिर भी समाज के सामने हाथ नहीं फैलाया।
उपरोक्त बातें हिन्दी साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं हिन्दी दैनिक"दस्तक प्रभात" के प्रधान सम्पादक श्री प्रभात वर्मा ने देश की चुनींदा साहित्यिक संस्थाओं में से एक साहित्य,कला व संस्कृति की संवाहक संस्था "साहित्यकुंज" द्वारा कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द की 141वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये कही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं हिन्दी दैनिक "नव विहार टाइम्स" के प्रधान संपादक श्री कमल किशोर श्रीवास्तव ने सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं,कथा,कहानियों के माध्यम से हिन्दी साहित्य को एक नया मोड़ दिया,नई दिशा दी।लेकिन दुख इस बात का है कि किसी भी केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार ने मुन्शी प्रेमचन्द एवं उनके कथा साहित्य को वह सम्मान नहीं दिया जिसके वह हकदार थे। उन्होनें कहा कि हिन्दी भाषी राज्यों में वर्तमान सरकारों द्वारा प्रत्येक शहर में उनकी प्रतिमा लगायी जानी चाहिये।
विशिष्ट अतिथि के रुप में कलाकार एवं साहित्यकार श्री सुनिलदत्त मिश्र,वरीय पत्रकार प्रियदर्शी किशोर श्रीवास्तव एवं उपेन्द्र कश्यप ने मुन्शी प्रेमचन्द को हिन्दी साहित्य का जमीन से जुड़ा हुआ साहित्यकार बताया।
रायवरेली से पधारे वरीय साहित्यकार आचार्य सूर्यप्रसाद शर्मा "निशिहर" की अध्यक्षता, वरीय रचनाकार श्रीराम राय के कुशल संयोजन,मशहूर संचालक नागेन्द्र दूबे केशरी के कुशल संचालन एवं धनंजय पाण्डेय जयपुरी के स्वागत भाषण में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में अरविन्द अकेला,भैरु सिंह तरंग,वृंदावन राय सरल(सागर),हीरा सिंह कौशल,राजेश तिवारी "मक्खन"(झाँसी),खेमराज साहू"राजन"(दुर्ग),लखन लाल सोनी"लखन"(छत्तरपुर),कृष्णा सेंदल तेजस्वी प्रचंड,निर्मल जैन नीर "ऋषभ देव"सुषमा सिंह (औरंगाबाद),शालिनी श्रीवास्तव,भारती जोशी(हरिद्वार),मीना जैन दुष्यंत(भोपाल),सरभि जैन,रूबी जैन राजे(देहरादून),पदमा तिवारी(दामोह),शोभा रानी तिवारी(इंदौर),रमा बहेड(हैदराबाद),केवरा यदु मीरा,प्रोफेसर अम्बे कुमारी(बोधगया),रजनी वर्मा(भोपाल),आरती तिवारी सनत ,मधु भुतड़ा,मधु वैष्णव मान्या(जयपुर),स्वाति जैसलमेरिया(रेवा)एवं शोभन्द्र पटेल राज(छतीसगढ) सहित तीन दर्जन कवियों व कवियित्रीयों ने काव्य पाठ कर सम्पूर्ण वातावरण को काव्यमय बना दिया
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन वरीय कथाकार एवं साहित्यकुंज के प्रधान संपादक श्री अरविन्द अकेला ने किया।
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