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तख्त श्री गुरूगोबिन्द सिंह जी महाराज की जन्म स्थली पटना साहिब गुरूद्वारा क्षुद्र राजनीति का रणक्षेत्र बन गया है:- राकेश कपूर

तख्त श्री गुरूगोबिन्द सिंह जी महाराज की जन्म स्थली पटना साहिब गुरूद्वारा क्षुद्र राजनीति का रणक्षेत्र बन गया है:- राकेश कपूर  

पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर  ने हमारे संवाददाता को बतायाकि तख्त श्री हरमिंदर जी गुरूद्वारा प्रबंधक कमिटी की अनैतिक हरकतों से गुरु घर की नष्ट होती मर्यादा को बचाने के संबंध में हमने एक प्रार्थना पत्र  श्री मान् जिला सत्र न्यायाधीश सह संरक्षक तख्त श्री हरमिंदर जी गुरूद्वारा प्रबंधक कमिटी, सिविल कोर्ट, पटना को सौपी है जिसमे हमने माँग की है कि  पटना साहिब गुरूद्वारा में इन दिनों क्षुद्र राजनीति का अड्डा बनता चला जा रहा है। पटना साहिब गुरूद्वारा पर पंजाब के सिख अपना नियंत्रण बनाना चाहते हैं। 

उल्लेखनीय है कि पिछली सदी के 80 के दशक में पटना साहिब गुरूद्वारा पर पंजाब के सिखों ने अकालियों के सहयोग से सुश्री निर्लेप कौर के नेतृत्व में कब्जा कर उन्हें गुरूद्वारा प्रबन्धक कमिटी का अध्यक्ष बना दिया था। उसके बाद से ही अकालियों की मंशा इस तख्त पर कब्जे की बनी हुई है। 

सिखों के दूसरे सबसे बड़े धार्मिक तख्त श्री गुरूगोबिन्द सिंह जी महाराज की जन्म स्थली पटना साहिब गुरूद्वारा क्षुद्र राजनीति का रणक्षेत्र बन गया है। यहाँ प्रबन्धक कमिटी के आपसी विवाद के कारण तलवार बाजी से लेकर पत्थर बाजी की घटना आम बात हो गई है।

मालूम हो कि इन विवादों के पीछे तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह, गोहर ए मसकीन का भी बहुत बड़ा हाथ है। इसकी चर्चा संगत के बीच भी होती है। ये ग्रंथी के साथ-साथ प्रंबंधक कमिटी के सदस्यों को गुमराह कर अपना उल्लू सीधा करते हैं। ऐसा आजतक किसी मुख्य ग्रंथी ने नहीं किया। इनके व्यवहारों से तख्त की मर्यादा का हनन होता है। ये तख्त की सेवा की जगह प्रबंधक कमिटी की राजनीति गतिविधियों में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं ऐसी चर्चा संगतों के बीच है। धार्मिक स्थलों पर इस तरह की घटनाओं से श्रद्धालुओं को ठेस तो पहुंचती ही है, साथ ही इस पवित्र स्थल की मर्यादा भी घटती है। अतः हमने श्रीमान संरक्षक महोदय से अनुरोध किया है कि  धर्म की आड़ में राजनीति की रोटी सेंकने वालों पर ठोस कार्रवाई करते हुए अंकुश लगाने की कृपा करें। साथ-साथ जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह, गोहर ए मसकीन को सेवा कार्यों तक सीमित रहने के लिए आदेश देने की कृपा करें। 

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