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मिलते हैं दोस्त जब खासे अरसे के बाद,

मिलते हैं दोस्त जब खासे अरसे के बाद,

मिलते हैं दोस्त जब खासे अरसे के बाद,
मौसम सर्द होता है, दोस्तानी फुहारों के बाद।

वो  मित्र ही थे जो चौराहे में अक्सर मिलते थे,
मुस्कुरा लेता हूँ जहन में वो पुरानी याद आने के बाद।

दोस्त बचपन के हो या हो फिर पचपन के,
खिल जाता है दिल, उनका दिल मिल जाने के बाद।

गुप्तगू के दरम्यान करम और जख्म शामिल होते हैं,
दिले दर्द की दवा मिलेती है, मयखाना जाने के बाद। 

वक्त की जुल्फों मे, मैं भी उलझ जाता हूँ,
लड़खडा़ जाता हूँ, देर -तक, दूर-तक चलने के बाद।

रिश्तों के बुनियाद पर जब आप राहगीर बनते हैं,
चौराहे नजर नहीं आते, संबंध निभ जाने के बाद।

पति और पत्नी का रिश्ता एक अजीज दोस्त होता है, राजेश,
कोई तो रुमाल काम आता है, आंसू गिर जाने के बाद।
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