चिमनी घाट (कंगन घाट) पर बढ़ी हुई गंगा के पानी को देखने की नित्य होड़ लगी हुई है।
पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने बताया कि गंगा का बढ़ता जल स्तर और नौजवानों एवं शहरी लोगों में इसे देखने की आतुरता इन दिनों पटना सिटी के घाटों पर नित्य दिन देखने को मिल रही है। जो शहरी 50 के ऊपर की उम्र के हैं, वे इन घाटों पर होने वाली गंगा के बहाव का वर्णन लोगों से अपने संस्मरणों के आधार पर करने से नहीं थकते। वे युवाओं को बताते हैं कि किस प्रकार वे सपरिवार गंगा के इन पुराने घाटों पर स्नान किया करते थे।
राकेश कपूर ने कहा कि आज चिमनी घाट (कंगन घाट ) पर बढ़ी हुई गंगा के पानी को देखने की नित्य होड़ लगी हुई है। मालूम हो कि गंगा के इन बाढ़ क्षेत्रों में सरकारी सहयोग से अवैध निर्माण एवं गंगा एक्सप्रेस परियोजना के त्रुटिपूर्ण निर्माण से गंगा का पानी यहां पूरी तरह सूख गया है। जहां सालों भर पानी रहा करता था, वहां अब सिर्फ बाढ़ के समय ही गंगा के दर्शन होते हैं। बढ़ी हुई गंगा का यह रूप नई पीढ़ी को अजूबा लग रहा है।
उन्होनें ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने इतिहास और भूगोल का विस्तृत अध्ययन किये बगैर ही गुरूद्वारा को जमीन देकर गुरूद्वारा निर्माण की इजाजत देकर पर्यावरण के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया है। दुर्भाग्यपूर्ण यह भी कि सरकार ने खुद पर्यटन भवन भी बना डाला।सरकारी अवैध निर्माण का अनुसरण कर नागरिकों ने भी अवैध निर्माण कर डाला।
गुरूद्वारा ने अब अलग से लंगर हाल, स्कूल यात्री निवास के निर्माण की योजना के तहत गंगा के बाढ़ क्षेत्र में मिट्टी भराई कर चिमनी घाट से झाऊगंज घाट तक क्षेत्र का विस्तार कर डाला है।
सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने सरकार से पूछा है कि कहां गई नमामि गंगा की योजना! राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण तथा उच्चतम न्यायालय में अशोक कुमार सिन्हा की नौजर घाट से लेकर नूरीदीगंज तक के बाढ़ क्षेत्र में अवैध निर्माण की जो जनहित याचिका दायर कर रखी अभी तक उसका भी कुछ नहीं हुआ।
राकेश कपूर ने बिहार सरकार से पूछा है कि गंगा माँ के सीने पर सरकारी सहयोग से अवैध निर्माण के विनाश लीला का दृश्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी आँखों से देखा है। क्या उन्हें यह नहीं पता कि कितना बड़ा अक्षम्य अपराध उनके हाथों हुआ है! पर्यावरण के नुकसान का खामियाज़ा हमारी आने वाली पीढ़ी को भोगना होगा।
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