वाणिज्य कर विभाग के द्वारा कोयला, आयरन.स्टील, लैपटॉप इत्यादि के फ़र्ज़ी कारोबारियों के विरुद्ध एक बड़ी कार्रवाई
वाणिज्य-कर विभाग से प्राप्त सूचनानुसार, वाणिज्य.कर विभाग के द्वारा डाटा एनालिटिक्सध् डाटा माइनिंग तथा ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद से वृहत पैमाने पर कर.अपवंचकों की ३६० डिग्री प्रोफाइल बनाकर उन पर पैनी नज़र रखी जा रही हैद्य साथ हीए कर.अपवंचकों के द्वारा ई.वे बिल के माध्यम से किये गए संव्यवहारों की भी गहन जाँच की जा रही हैद्य विभाग के केन्द्री य अन्वेफषण ब्यू्रो में जीएसटी के अधीन दाखिल विवरणियों का विश्लेषण करके कर भुगतान में नगद जमा अनुपात की भी जाँच की जाती है। जिन प्रतिष्ठानों के विषय में प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि ये प्रतिष्ठान बोगस हैं तथा फर्जी बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल करते हैंए उनके विरूद्ध आवश्यबक जांच पड्ताल की जाती है।
वाणिज्य.कर आयुक्त.सह.सचिव डॉ प्रतिमा के निदेश के आलोक में दिनांक 03.08.2021 को विभाग के 33 दलों के द्वारा मंगलवार को पटना जिले में 13ए सारण में 10ए भागलपुर में 1ए दरभंगा में 3ए मगध में 4 तथा पुर्णिया में 2 प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गयाद्य ये फर्म मुख्य रूप से आयरन.स्टीलए कोयलाए लैपटॉपए Battery/ एल्युमीनियमध् कॉपर स्क्रैपए बिटुमिनए मल्टीग रिचार्ज ऑपरेटर्स इत्यादि से सम्बंधित थेद्य
निरीक्षण के क्रम में 24 फर्म निबंधन में घोषित अपने मुख्य स्थल पर अस्तित्वहीन पाए गए। प्रथम द्रष्टषया ऐसा प्रतीत होता है कि ये फर्म कर अपवंचना के साथ बिल ट्रेडिंग को अंजाम देने के लिए फर्जी ढंग से बनाये गए थे द्य इन फर्मों के द्वारा लगभग रू 379.48 करोड़ का संव्यवहार प्रदर्शित है। ऐसे मामलों में न सिर्फ लगभग रु 54ण्90 करोड़ के fake ITC द्वारा करअपवंचना का पर्दाफाश हुआ हैए बल्कि ये फर्म जीएसटी के प्रावधानों का उल्लंघन भी कर रहे हैं। विभाग द्वारा इन बोगस फर्मों के फ़र्ज़ी कागजातों के आधार पर निबंधन लिये जाने की जांच की जायेगी ।
निरीक्षण के दौरान तीन फर्म निबंधन में अपने घोषित पते पर अवस्थित पाए गए परंतु इन तीनों के सम्बन्ध में बिल ट्रेडिंग का मामला प्रकाश में आया है जिस पर विभाग द्वारा अन्वेषण के उपरांत कार्रवाई की जायेगी द्य ये फर्म कोयला तथा लैपटॉप के क्षेत्र में संव्यवहार कर रहे हैंद्य दरभंगा के एक कम्प्यूटर.व्यवसायी के द्वारा फ़र्ज़ी परिवहन दिखाकर करोड़ों के लैपटॉप की खरीद.बिक्री दिखाई गई है तथा प्ज्ब् का लाभ दूसरे राज्य के व्यवसायियों को दिया गया है। यहाँ तक कि इस व्यवसायी के द्वारा लाखों के माल का परिवहन कार तथा बाइक पर दिखाया गया है। इस फर्म में रू 30 लाख के माल को जब्त भी किया गया है। इन तीन फर्मों में औरंगाबाद में निबंधित एक फर्म अपने घोषित पता पर न होकर डेहरी में कार्यरत पाया गया जहां एक स्थल से कई फ़र्ज़ी फर्मों का संचालन किया जा रहा था। इन 03 फर्मों मे करीब 16 करोड़ की कर.चोरी का मामला सामने आया हैद्य
पटना तथा भागलपुर में निबंधित Multi recharge operators से संबंधित 03 फर्मों का निरीक्षण किया गया जिनमें से एक फर्म अस्तित्वहीन पाया गया जिसका Turnover विगत तीन वर्षों में रु 900 करोड़ से ज्यादा है एवं इस फर्म के द्वारा संपूर्ण कर भुगतान क्रेडिट का उपयोग करते हुए किया गया है। विभागीय आयुक्त सह सचिव डॉ प्रतिमा के द्वारा बताया गया कि इन फर्मों के द्वारा करोड़ो के रिचार्ज vouchers राज्य के बाहर के Retail व्यवसायियों से खरीदे जा रहे हैं तथा ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से रिचार्ज किया जा रहा है। उनके द्वारा अपनाई गयी modus operandi तथा इनमें शामिल व्यवसायियों के commission तथा करदेयता की जांच विभाग द्वारा की जा रही है। आयुक्त.सह.सचिव के द्वारा बताया गया कि इस दिशा में जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत अग्रेतर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी एवं निरीक्षण के क्रम में पाये गये फर्जी फर्म का निबंधन रद्द किया जायेगा। साथ हीए इनके इनपुट टैक्स क्रेडिट को ब्लॉक करने एवं ई.वे बिल जेनेरेशन की सुविधा रोके जाने की कार्रवाई भी की जायेगी । अन्य राज्यों में निबंधित ऐसे फर्म जो उक्त 24 फर्जी फर्मों से संव्यवहार कर रहे थे की सूची भी संबंधित राज्य को विधिसम्मत कार्रवाई हेतु भेजी जायेगी।
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