गैरों पर भी हक जताना सीखिए,
उनको भी अपना बनाना सीखिए।जो न समझे पीर अपने दर्द की,पीर का भी दर्द बताना सीखिए।कान्हा कब जीया खुद के लिए, जानिए,जन्म से मृत्यु तक, कार्यों को पहचानिए?बैठा नहीं दो पल कभी, वह सुख चैन से,जो नहीं अपना, उसे अपना बनाना ठानिए।कीजिए लक्ष्य निर्धारित, जीवन का,कर्म ही आधार हो हमारा, कृष्ण सा।धर्म का साथ दें, मृत्यु का न भय करें,चरित्र का विकास हो अपना, गगन सा।अ कीर्ति वर्द्धनदिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
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