पितृपक्ष
इस बार पितृपक्ष मुख्यतः 21 सितम्बर (मंगलवार) से 06 अक्तूबर (बुधवार) तक रहेगा।यह समय पितरों का उत्सवकाल है।वे अपने वंशजों की श्रद्धा पाने भूलोक पर अगोचर रूप में पधारते हैं।इसलिए तर्पण-पार्वण से वे तृप्ति तथा एवं हम आत्मसन्तुष्टि पाते हैं।यही हमारी संस्कृति है और यही हमारी पहचान भी।
अमावस्या तो मुख्य पितृतिथि है ही, अपने पिता की पुण्यतिथि भी मुख्य है।इसलिए नित्य तर्पण के बाद पितृतिथि को पार्वण श्राद्ध विहित है।पितृतिथि ज्ञात न होने व किसी कारणवश उस दिन पार्वण न कर सकने पर अमावस्या को भी किया जा सकता है।
जिनके पिता की जो पुण्यतिथि है, उनकी सुविधा के लिए तिथिश्राद्ध का यह विवरण उपयोगी हो सकता है-
1.प्रतिपदा-श्राद्ध— 21. 09 (मंगलवार) को,
2. द्वितीया- श्राद्ध— 22.09 (बुधवार) को,
3. तृतीया- श्राद्ध— 23. 09 (गुरुवार) को,
4. चतुर्थी- श्राद्ध— 24.09 (शुक्रवार) को, (इस दिन सुबह 07. 17 तक तृतीया है।)
5. पंचमी- श्राद्ध—25.09 (शनिवार) को, (इस दिन सुबह 8.57 तक चतुर्थी है।)
6. षष्ठी- श्राद्ध—26.09 (रविवार) को, (इस दिन पूर्वाह्ण 10.58 तक पंचमी है।)
7.षष्ठीश्राद्ध—27.09 (सोमवार) को, (इस दिन मध्याह्न 1.00 तक षष्ठी है, इसलिए षष्ठीश्राद्ध सम्भव है।)
8. सप्तमीश्राद्ध—28.09 (मंगलवार) को (इस दिन अपराह्न 3.05 तक सप्तमी है।)
9. अष्टमीश्राद्ध—29.09 (बुधवार) को,
10. नवमीश्राद्ध—30.09 (गुरुवार) को,
11.दशमीश्राद्ध—01.अक्तूबर (शुक्रवार) को,
12. एकादशीश्राद्ध—02.10 (शनिवार) को,
13. द्वादशीश्राद्ध—03.10 (रविवार) को,
14. त्रयोदशी-श्राद्ध—04.10 (सोमवार) को,
15. चतुर्दशी-श्राद्ध—05.10 (मंगलवार) को तथा16. अमावस्या- श्राद्ध—07. 10 (बुधवार) को।
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com