सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वाधान में
‘पितृपक्ष और श्राद्धविधि : शास्त्र एवं शंकासमाधान’ विषय पर
‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद !
गणेशोत्सव समाप्त होने पर पितृपक्ष आरंभ होता है । हिन्दू धर्म में ‘पितृऋण’ चुकाने के लिए श्राद्धविधि करने को विशेष महत्त्व दिया गया है; परंतु समाज को श्राद्ध करने का महत्त्व और उस विषय में धर्मशास्त्र ज्ञात न होने के कारण श्राद्ध के विषय में अनेक भ्रांतियां फैली हुई है । ऐसे में शास्त्र समझकर धर्माचरण करने पर उसका अधिक लाभ होता है । इसलिए श्राद्धपक्ष के विषय में सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वाधान में ‘पितृपक्ष और श्राद्धविधि : शास्त्र एवं शंकासमाधान’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद का आयोजन किया गया है । 19 सितंबर 2021 को सायं 7 बजे हिन्दी और कन्नड में, जबकि 20 सितंबर 2021 को सायं 7 बजे मराठी में यह कार्यक्रम होगा । इसका अधिकाधिक हिन्दू लाभ लें, ऐसा आवाहन सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से किया गया है।
मराठी में सनातन संस्था के धर्मप्रसारक संत सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी, हिन्दी में हिन्दू जनाजागृति समिति के धर्मप्रसारक संत पू. नीलेश सिंगबाळजी तथा कन्नड में सनातन संस्था के धर्मप्रसारक संत पू. रमानंद गौडाजी इस विषय पर मार्गदर्शन करेंगे । कार्यक्रम में प्रधानता से ‘पितृपक्ष में किस दिन श्राद्ध करना लाभदायक है?’, ‘श्राद्ध किसे करना चाहिए ?’, ‘वर्तमान कोरोना महामारी के काल में श्राद्ध हेतु पुरोहित उपलब्ध न होने पर क्या करें ?’, ‘श्राद्ध की सामग्री उपलब्ध न होने पर किस प्रकार श्राद्धपक्ष करें ?’, ‘क्या है पितृदोष दूर करने के उपाय ?’ ऐसे अनेक प्रश्नों के उत्तर इस कार्यक्रम में दिए जाएंगे ।
1. मराठी और हिन्दी : Youtube.com/HinduJagruti
2. कन्नड : Youtube.com/HJSKarnataka
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