कर्म सनातन
---:भारतका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र "अणु"
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रहती है आशा में,
पूर्वज की मृतात्माऐं-
कि मेरा होगा तर्पण।।
जिसको बढाने में,
जीवन लूटा दिया-
वह करेगा समर्पण।।
यही सोचकर वे,
पितृ-तीर्थ में आते हैं-
लालायित पाने को अर्पण।।
हम आज जो कुछ हैं,
वह पूर्वजों का देन है-
ये रोम-रोम कण-कण।।
चलो मिलकर,
करने पूर्वजों का उद्धार-
है बीत रहा मुहूर्त क्षण-क्षण।।
पूर्वजों का श्राद्घ,
और देवताओं का पूजन-
सज्जनों की सेवा,
है ये कर्म सनातन।।
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वलिदाद,अरवल(बिहार)८०४४०२.
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