जय गणपति
जय गणपति,जय पार्वती नंदन,
करते हमसब तेरा वंदन,
तुम हो सब देवों के प्यारे,
करते हैं तेरी पूजा,अभिनंदन ।
जय गणपति...।
तुम हो बल,बुद्धि के दाता,
तुम हम सबके भाग्य विधाता,
रहते तुम जिस जगह पर,
नहीं होता वहाँ कोई क्रन्दन।
जय गणपति...।
लड्डु तुम्हें बहुत हैं भाते,
जिसे प्रेम से तुम हो खाते,
मूषक तेरी प्रिय सवारी,
तम ही हो असुर निकंदन।
जय गणपति...।
गणपति मैं आया तेरे दरवार,
ले लो दुख, दे दो प्यार,
हर लो तुम सभी कष्ट मेरे,
तुम ही हो सबके दुःख भंजन।
जय गणपति...।
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अरविन्द अकेला
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